प्रवासी पंचायत में मुख्यमंत्री का आह्वान; ”घर आवा अपणा गौं का वास्ता कुछ करा‘‘ घर वापस आ जाओ और गाँव के लिए कुछ करो।

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मेरठ में आयोजित प्रवासी पंचायत-2017 में सीएम ने प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया
कहा, प्रवासियों को अपने गांव, संस्कृति, स्थानीय परंपरा, बोली-भाषा से निरंतर संपर्क और संवाद बनाये रखना होगा
उन्होंने राज्य सरकार की ‘‘सेल्फी फ्रॉम माई विलेज’’ पहल के बारे में बताया जिसमें सभी प्रवासियों से अपने परिवार के साथ कुछ दिन अपने गांवो में जाकर रहने तथा सेल्फी खिचवा कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अपील की गई। स्मरणीय है कि मुख्यमंत्री की ‘सेल्फी फॉम माई विलेज’’ पहल सोशल मीडिया में बहुत लोकप्रिय रही।

मेरठ (संवाददाता) :  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेरठ में उत्तराचंल उत्थान परिषद की ओर से आयोजित प्रवासी पंचायत में यह आह्वान कर प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश की असीम संभावनाएं है। राज्य में पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के अलावा देश व विदेश में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी राज्य में निवेश कर महत्वपूर्ण सहयोग कर सकते है।

बीते रविवार को मेरठ के बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज शास्त्रीनगर में उत्तराचंल उत्थान परिषद् की ओर से ”मेरा गांव मेरा तीर्थ’’ व ”चलो गॉव की ओर’’ की थीम पर आयोजित प्रवासी पंचायत-2017 में मुख्यमंत्री ने देश-विदेश में रहने वाले उत्तराखंडियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में पर्यटन अपार संभावनाओं का ऐसा क्षेत्र है जिसमें कम से कम निवेश में स्थानीय युवाओं के लिए अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी लोगों को अपने गांवों, संस्कृति, स्थानीय परंपराओं, बोली-भाषा से निरन्तर सम्पर्क व संवाद बनाये रखना होगा। राज्य विकास में प्रवासी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उन्होंने राज्य सरकार की ‘‘सेल्फी फ्रॉम माई विलेज’’ पहल के बारे में बताया जिसमें सभी प्रवासियों से अपने परिवार के साथ कुछ दिन अपने गांवो में जाकर रहने तथा सेल्फी खिचवा कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अपील की गई। स्मरणीय है कि मुख्यमंत्री की ‘सेल्फी फॉम माई विलेज’’ पहल सोशल मीडिया में बहुत लोकप्रिय रही।

मुख्यमंत्री ने राज्य के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं द्वारा दिल्ली व मुम्बई जैसे बड़े शहरों की बड़ी-बड़ी नौकरियां छोड़ अपने गांवों में नए उद्योगों की स्थापना की प्रंशसा की। मुख्यमंत्री ने विशेषकर गोट विलेज, रंजना रावत, मशरूम लेडी दिव्या रावत आदि का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन रोकने व स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सेना सीमांत क्षेत्रों में अखरोट व चिलगोजे के पेड़ लगा रही है। उत्तराखंड के सीमान्त गांवों का सामरिक महत्व भी है। उन्होंने स्थानीय अन्न उत्पादों से बने मंडुवे की बर्फी, बिस्कुट, स्थानीय उत्पादों के समुचित उपयोग व प्रचार-प्रसार पर बल दिया। स्थानीय उत्पादों का प्रयोग स्वास्य हेतु गुणवता व पौष्टिकता से भरपूर होने के साथ ही स्थानीय आर्थिकी को भी मजबूत करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने पलायन आयोग का गठन किया है। राज्य सरकार, स्थानीय लोगों, प्रवासी उत्तराखंडियों विशेषकर युवाओं को मिलजुल कर पलायन को चुनौती देनी होगी। उन्होंने उत्तरांचल उत्थान परिषद् द्वारा सामाजिक सहयोग पर आधारित ग्राम विकास की अभिनव पहल ‘‘प्रवासी पंचायत’’ की प्रंशसा करते हुए बधाई व शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की कैबिनैट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल थे।

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