रामनगर : आधा दर्जन गांव के लोगों का 60 किलोमीटर का सफर महज 11 किलोमीटर में तय हो जाएगा। दूरस्थ गांव पाटकोट के लोगों की लंबे समय से सड़क निर्माण की मांग अब पूरी होने वाली है। केंद्र सरकार से वन विभाग की इस कार्ययोजना को हरी झंडी मिल चुकी है। ग्रामीण कई बार धरने प्रदर्शन तक कर चुके हैं।
रामनगर ब्लॉक के अंतर्गत दूरस्थ पाटकोट गांव में अमगढ़ी, डोन परैवा, गौरियादेव, रियाड़, ओखलढूंगा, लेटी, भलौन, हंसरामपुर ग्राम सभा है। इन गांव के लोगों को कोटाबाग ब्लॉक जाने के लिए उल्टा रामनगर व बैलपड़ाव से होकर करीब 60 किलोमीटर जाना पड़ता है। जबकि पाटकोट से गांव होते हुए कोटाबाग की दूरी छह किलोमीटर है। पाटकोट व कोटाबाग रामनगर वन प्रभाग के अधीन होने की वजह से सड़क निर्माण में वन कानून आड़े आ रहे थे।
कोसी रेंजर ललित जोशी ने बताया कि पाटकोट से कोटाबाग सोहनजाला तक सड़क विभागीय कार्ययोजना में शामिल थी। कार्ययोजना को भारत सरकार से स्वीकृती मिल चुकी है। यह सड़क कच्ची होगी। लेकिन इसमें ग्रामीणों की आवाजाही हो सकेगी। डीएफओ रामनगर वन प्रभाग चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि पाटकोट से कोटाबाग मार्ग कार्ययोजना में रखा था। वन विभाग ही इस सड़क को अपने प्रयोग के लिए बनाएगा। बजट मांगा गया है। बजट मिलते ही सड़क बनाई जाएगी।
पैसे निकालने को तय करनी होती लंबी दूरी
सड़क निर्माण की मांग के लिए आंदोलनरत नरेन्द्र रावत ने बताया कि रामनगर के पाटकोट के अंतर्गत अमगढ़ी, ओखलढूंगा, डोन परेवा गांव का ब्लॉक कोटाबाग है। ऐसे में ब्लॉक संबंधित कार्यों व पैसे निकालने के लिए इन गांव के ग्रामीणों को रामनगर होते हुए 60 किमी की दूरी तय कर कोटाबाग जाना पड़ता है। पाटकोट के लोगों का पुलिस चौकी भी कोटाबाग में है। इस सड़क के बनने से ग्रामीणों को रामनगर नहीं जाना पड़ेगा। अमगढ़ी के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन नैनवाल ने बताया कि सड़क बनने से कालाढूंगी से कोटाबाग होते हुए पाटकोट आने में भी सुविधा मिल जाएगी।