उत्तराखंड में निवेशकों को सुविधाएं दे रही सरकार, इन्वेस्टर्स समिट से पहले बोली कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य

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कोटद्वार। प्रदेश की महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों के लिए निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार राज्य में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रही है। इसी क्रम में अगले माह प्रदेश में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट का सीधा फायदा प्रदेश को होगा।

मंगलवार को कोटद्वार में भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड की स्थानीय इकाई के सामुदायिक भवन में आयोजित जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने यह बातें कही। कार्यक्रम के दौरान कई उद्योगपतियों ने अपने अनुभव साझा किए। निवेशकों ने उद्योग स्थापना को लेकर सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की सराहना की।

रोजगार के मिल रहे हैं अवसर
काबीना मंत्री ने कहा कि जनपद पौड़ी में भी उद्यमों से कई लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है व निवेशकों को इसका पूरा लाभ भी मिल रहा है। कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि राज्य में अधिसंख्यक निवेशक आकर निवेश करें, जिससे प्रदेश के बेरोजगारों को भी रोजगार मिल पाए।

ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर लैंसडाउन विस के विधायक दिलीप रावत, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान, भाइलि के इकाई महाप्रबंधक विश्वेश्वर पुच्चा, उपजिलाधिकारी सोहन सिंह, सिडकुल निर्माता संघ के अध्यक्ष सुनील गुप्ता, सचिव विवेक चौहान, मंडी समिति अध्यक्ष सुमन कोटनाला, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

चौदह सौ करोड़ के एमओयू हुए हस्ताक्षर
जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव के दौरान अस्सी कंपनियों ने क्षेत्र में 1400 करोड़ के निवेश को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इन अस्सी कंपनियों में से 36 जिला उद्योग केंद्र और 44 कंपनियां सिडकुल में पंजीकृत है। निवेशकों ने नए उद्योगों की स्थापना में नीति-नियमों में लचीलापन व त्वरित सहयोग के लिए सरकार व जिला प्रशासन का आभार जताया।

छोटे उद्यमियों को नहीं थी जानकारी
जनपद पौड़ी छोड़िए, कोटद्वार क्षेत्र में भी लघु उद्यमियों को जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव के संबंध में जानकारी नहीं दी गई थी। नतीजा, क्षेत्र के लघु उद्यमी इस कॉन्क्लेव का हिस्सा नहीं बन पाए। इन उद्यमियों ने इस पर नाराजगी भी व्यक्त की। उनका कहना था कि यदि उन्हें भी इस सम्मेलन में आमंत्रित किया जाता तो उन्हें भी सीखने के नए अवसर प्राप्त होते।

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