बेरीनाग : भारी बारिश के बाद आपदा की जद में आए सानीखेत के 12 परिवार 10 दिन बाद भी स्थानीय महाविद्यालय के बालिका छात्रावास में रहने को मजबूर हैं । खाने पीने की सुविधा भले ही इन लोगों को मिल रही है, लेकिन अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से वे परेशान हैं। 29 जुलाई को क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद गांव के 14 मकान खतरे की जद में आ गए थे। इसके बाद प्रशासन ने किसी भी तरह के नुकसान से लोगों को बचाने लिए 12 परिवारों को स्थानीय महाविद्यालय के बालिका छात्रावास में शिफ्ट कर दिया। प्रभावित परिवार महाविद्यालय के छात्रावास में शिफ्ट होने के बाद से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सुविधाओं के अभाव के बाद उन्हें छात्रावास में रहने में दिक्कत हो रही है। प्रभावितों ने कहा कि हर रोज जानवरों की देख-रेख को सानीखेत गांव जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि घर से दूर होने के बाद वे जानवरों की उचित देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। इससे आजीविका प्रभावित हो रही है। प्रभावित परिवारों ने उन्हें शीघ्र विस्थापित करने की मांग की है। भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम गांव पहुंची बेरीनाग। एसडीएम वैभव गुप्ता ने कहा कि भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम गांव पहुंच चुकी है। टीम आपदा की दृष्टि से खतरे का अध्ययन कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही विस्थापन को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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