शिक्षकों के लिए डीएलएड जरूरी, 12वीं में होने चाहिए 50 प्रतिशत अंक

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देहरादून, संवाददाता। डीएलएड की अनिवार्यता के बाद अब शिक्षकों के सामने एक अड़ंगा और है। कोर्स में नामांकन के लिए उनके बारहवीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। एससी, एसटी, ओबीसी व दिव्यांग शिक्षकों के लिए पांच फीसद की रियायत है। जिन शिक्षकों के अंक कम हैं उन्हें कोर्स में प्रोविजनल प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की कक्षा बारह की अंक सुधार परीक्षा में शामिल होना होगा। तय अंक लाने के बाद ही उन्हें प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को केंद्र सरकार ने प्रारंभिक शिक्षकों के लिए डीएलएड कोर्स आवश्यक कर दिया है। यदि शिक्षक 31 मार्च 2019 तक ट्रेंड नहीं होते हैं तो उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। डीएलएड की पढ़ाई राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के माध्यम से कराई जाएगी। प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रजिस्ट्रेशन 15 सितंबर तक कराया जा सकेगा।

शिक्षकों को रजिस्ट्रेशन के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की वेबसाइट पर जाना होगा। ूूू.दपवे.ंब.पद पर जाकर शिक्षक अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि एनआइओएस की वेबसाइट में अप्रशिक्षित शिक्षक व विद्यालय के प्रधानाचार्य की अलग-अलग आइडी बनानी होगी। इसके बाद शिक्षक को स्वयं रजिस्ट्रेशन व आवेदन करना होगा। शिक्षक द्वारा किए गए आवेदन को प्रधानाचार्य द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबासाइट पर लाॅगइन कर सकते है।

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