उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में नहीं हो सका परिवहन समझौता

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देहरादून। संवाददाता। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच होने वाले परिवहन समझौते में एक बार फिर बात आगे नहीं बढ़ पाई है। गोरखपुर में रविवार को प्रस्तावित यह परिवहन समझौता उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री के अनुपस्थित होने के कारण स्थगित कर दिया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जल्द ही वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के साथ मिलकर लंबित मसलों का हल निकाल लेंगे।

राज्य गठन के तीन वर्ष बाद उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन हुआ। इसके बाद से ही दोनों राज्यों की बसें मौखिक सहमति के आधार पर ही एक दूसरे की सीमाओं में संचालित हो रही हैं। हालांकि, एक दूसरे के मार्गों पर अधिक बसों के संचालन को लेकर कई बार आपस में तीखी झड़प भी हो चुकी हैं। इसे देखते हुए दोनों राज्यों के बीच परिवहन समझौता करने की जरूरत महसूस की गई। कई दौर की बैठकों के बावजूद परिवहन समझौते के मसौदे पर कभी भी सहमति नहीं बन पाई। यह इतना पेचीदा मामला बन रहा है यह बात इससे समझी जा सकती है कि अभी तक दोनों के बीच 12 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कोई हल नहीं निकला है।

रविवार को भी मुख्यमंत्री के उत्तर प्रदेश के गोरखपुर दौरे के दौरान परिवहन समझौते के मसौदे पर सहमति बनने की उम्मीद जगी। इसके लिए बाकायदा परिवहन विभाग की एक टीम गोरखपुर गई थी। वहां, यह जानकारी मिली कि उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री के गुजरात चुनावों में व्यस्त होने के कारण वे बैठक में उपस्थित नहीं हो सकते। दोपहर में स्थिति साफ होने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी वापस लौट आए। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच लंबित मसलों पर दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री आपस में बैठकर हल निकाल लेंगे।

 

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