केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वार्षिक बजट 2020-21 पेश किया। संसद में दिए गए बजट अभिभाषण के दौरान सीतारमण ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और पिछड़े वर्गों के अलावा कॉर्पोरेट सेक्योर और नौकरीपेशा लोगों के लिए भी बड़ी घोषणाएँ कीं। पर्यटन उद्योग को भी ख़ास तवज्जो दी गई है। वित्तमंत्री ने इस दौरान कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक की भाषाओं में कविताएँ पढ़ कर उत्तर से लेकर दक्षिण तक को साधने का प्रयास किया। उन्होंने कालिदास की ‘रघुवंशम’ से भी पंक्तियाँ उद्धृत की। यहाँ हम कुछ पॉइंट्स में पूरे बजट को कवर करने का प्रयास करेंगे। सबसे पहले जानते हैं कि किस मंत्रालय को कितना बजट आवंटित किया गया।
मंत्रालय | बजट (करोड़ रुपए में) |
शहरी विकास एवं हाउसिंग | 50040 |
स्वास्थ्य | 67112 |
रेलवे | 72216 |
सड़क एवं परिवहन | 91823 |
मानव संसाधन | 99312 |
ग्रामीण विकास | 122398 |
उपभोक्ता मामले | 124535 |
कृषि | 142762 |
गृह | 167250 |
रक्षा | 471378 |
आइए, अब कुछ पॉइंट्स में पूरे बजट को समझते हैं:
- बजट में एस्पिरेशनल इंडिया (कृषि, स्वच्छता एवं शिक्षा), आर्थिक विकास (इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर और नई इकॉनमी) और केयरिंग सोसाइटी (महिला एवं बाल विकास, पर्यटन एवं पर्यावरण) पर ख़ास ज़ोर दिया गया है।
- पिछले 2 वर्षों में 60 लाख नए करदाता जुड़े हैं।
- डिपॉजिट इन्सुरेंस कवर को 1 लाख रूपए प्रति व्यक्ति से बढ़ा कर 5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दिया गया।
- नए टैक्स स्लैब्स: ₹5 से ₹7.50 लाख तक की सालाना आय पर अब 10% की दर, ₹7.5 से ₹10 लाख की आय पर 15% टैक्स, ₹10 से ₹12.5 लाख की आय पर 20% टैक्स, ₹12.5-₹15 लाख तक की आय पर 25% टैक्स, ₹15 लाख से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगेगा।
- खाद्य पदार्थों की सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सिविल एविएशन मंत्रालय और रेलवे द्वारा क्रमशः ‘कृषि उड़ान’ और ‘कृषि रेल’ योजना शुरू होगी।
- पीएम-कुसुम योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पम्प लगाने में मदद की जाएगी। 15 लाख किसानों के ग्रिड से जुड़े पम्पों को सोलर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना: गरीबी उन्मूलन योजना के तहत 50 लाख परिवारों को जोड़ा गया।
- जन औषधि केंद्र: 2024 तक देश के सभी जिलों में 2000 दवाओं व 300 शल्य चिकित्सा की पेशकश की जाएगी।
- स्वच्छ भारत मिशन को 12,300 करोड़ रुपए का आवंटन।
- विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फॉरेंसिक ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव।
- शीर्ष 100 शैक्षिक संस्थान पूर्णकालिक डिग्री के लिए ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराएँगे।
- पाँच नवीन ‘स्मार्ट सिटी’ बनाए जाएँगे। मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पैकेजिंग और निर्माण में बढ़ावा दिया जाएगा।
- ज्यादा निर्यात ऋणों के लिए ‘निर्विक योजना’: ज्यादा बीमा कवरेज, दावों का तुरंत निपटारा और गवर्नमेंट इ-मार्केट प्लेस के कारोबार को बढ़ा कर 3 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा।
- पहुँच नियंत्रण राजमार्ग: 2500 किलोमीटर, आर्थिक गलियारा: 9000 किलोमीटर, तटीय एवं भूमि पत्तन सड़कें: 2000 किलोमीटर और रणनीतिक राजमार्ग: 2000 किलोमीटर, का निर्माण किया जाएगा।
- रेल पटरियों को सौर सिस्टम से जोड़ा जाएगा। बेंगलुरु उप-नगरीय परिवहन योजना के लिए 18,600 करोड़ रुपए। पीपीपी के माध्यम से 4 स्टेशनों व 150 ट्रेनों का संचालन।
- 2024 तक 100 हवाई अड्डों को पुनः विकसित किया जाएगा। हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से 1200 होने की उम्मीद जताई गई है।
- ऊर्जा क्षेत्र के लिए 21,000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव। राष्ट्रीय गैस ग्रिड का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान के 16,200 किलोमीटर से 27,000 किलोमीटर करने का लक्ष्य।
- ‘फाइबर टू द होम’ योजना से 1 लाख ग्राम पंचायतों से जोड़ा जाएगा। भारतनेट कार्यक्रम के लिए 6000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव। क्वांटम तकनीक एवं रिसर्च के लिए अगले 5 वर्षों में 8000 करोड़ दिए जाएँगे।
- महिला विशेष कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपए का प्रावधान। एससी व ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए 85,000 करोड़ रुपए। एसटी वर्ग के लिए 53,700 करोड़ रुपए। वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के लिए 9500 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- पर्यटन संवर्द्धन के लिए 2500 करोड़ व संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपए का आवंटन। पाँच प्राचीन स्थलों के विकास का निर्णय: राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (यूपी), शिवसागर (असम), धोलावीरा (गुजरात) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु)।
- 2022 में भारत में होगा जी-20 का सम्मलेन। 100 करोड़ रुपए उसके लिए आवंटित।
- केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपए व लद्दाख के लिए 5958 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया।
- 10 बैंकों को मर्ज कर के 4 बैंक बनाए गए। बैंकों को 3,50,000 करोड़ रुपए की पूँजी दी गई।
- फुटवियर (25% से 35%) और फर्नीचर वस्तुओं (20% से 25%) पर सीमा शुल्क दर बढ़ाई गई। न्यूज़ प्रिंट और कोटेड पेपर पर आयत शुल्क 10% से 5% किया गया।
- 100 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाले स्टार्ट-अप्स को 3 वर्षों तक 100% छूट का लाभ।
इन सबके अलावा ऐसे भी कुछ आँकड़े हैं, जिन्हें गिनाना आवश्यक है। जैसे, 2006 से 2016 तक 27.1 करोड़ लोगों को ग़रीबी रेखा से निकाला गया। 2014-19 में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 284 अरब डॉलर तक पहुँचा, जो 2009-14 तक 190 अरब डॉलर था। डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में भारत ने काफ़ी प्रगति की है। केंद्र सरकार का ऋण 2014 में 52.2% था, जो मार्च 2019 तक घट कर 48.7% पर आ गया। कर को सरल बनाने के लिए आधार के जरिए पैन का तुरन्त ऑनलाइन आवंटन की व्यवस्था की गई।