दिल्ली। रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कर्मियों को जल्द ही दंगों और भीड़ हिंसा का सामना करने के लिए सुरक्षा कवच (बॉडी गियर) मिलने वाला है। ये सुरक्षा कवच उनके नाप के हिसाब से होगा यानि कि वो उनको एक दम फिट आएगा।
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि आजादी के बाद से महिला कर्मियों को पुरुषों के लिए डिजाइन किए गए भारी और बड़े साइज वाले सुरक्षा कवच का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस सुरक्षा कवच से पत्थरबाजी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए श्रीनगर में तैनात लगभग 300 महिला सीआरपीएफ जवानों को फायदा होगा।
दा हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार महिला कर्मियों के लिए इस सुरक्षा कवच को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक इकाई के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा डिजाइन किया गया है। डीआईपीएएस के निदेशक डॉ भुवनेश कुमार ने कहा कि ये सुरक्षा कवच दंगा नियंत्रण में तैनात महिलाओं के बदन के नरम भाग जैसे हाथ, पैर, कमर के पीछे, पेट और जांघ को कवर करता है।
डिजाइनिंग टीम का नेतृत्व करने वाली वैज्ञानिक डॉ श्वेता रावत ने कहा कि महिलाओं के महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सुरक्षा कवच को डिजाइन करने के लिए एंथ्रोपोमेट्रिक डेटा का उपयोग किया गया है। ये गियर एंटी-स्टैब, एंटी-एसिड है।
बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय सम्मेलन में उठाया गया था। इसके बाद पुलिस और सशस्त्र बलों में महिलाओं की सुरक्षा समस्याओं के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के बाद हरी झंडी दी गई थी।