सेवा भारती का बृहद वृक्षा रोपड़ अभियान: सात दिन में रोपे जायेंगे दस लाख पेड़

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नई दिल्ली (इंविसंकें): दिल्ली में 15-22 अगस्त तक नागरिकों, स्थानीय निकायों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, सुरक्षा बलों, व्यापारी संगठनों के सहयोग से 10 लाख वृक्ष लगाए जाएंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रांत द्वारा 15 अगस्त से 22 अगस्त तक चलाए जाने वाले अभियान के तहत देश की राजधानी में कम से कम 10 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. दिल्ली प्रांत कार्यवाह भारत भूषण जी ने संवाददाता सम्मेलन में जानकारी प्रदान की.

भारत भूषण जी ने कहा कि ”हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली के नागरिक इस सप्ताह में न केवल 10 लाख वृक्ष लगाएं बल्कि उनका पालन—पोषण ठीक से हो यह भी सुनिश्चित करें. ये वृक्ष लगाने के लिए दिल्ली के स्थानीय सामाजिक व अन्य संगठनों, स्थानीय निकायों, सुरक्षा बलों आदि को भी प्रेरित किया जाएगा.”

ये वृक्ष दिल्ली की जलवायु के हिसाब से लगाए जाएंगे. इस तरह के 65 वृक्षों की पहचान की गई है जो दिल्ली की जलवायु के अनुकूल हैं, जिनमें पीपल, नीम, पीलखन, बड़, जामुन, आम, अर्जुन, बेल इत्यादि के वृक्ष शामिल हैं. इसमें मुख्यतः छायादार, फलदार और औषधियों वाले वृक्ष लगाए जाएंगे.  वृक्ष लगाने का काम दिल्ली के हर हिस्से में किया जाएगा और इसमें स्थानीय रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, सामाजिक संगठनों, प्रतिष्ठित नागरिकों, विद्यालयों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों तथा प्रबुद्ध नागरिकों को भी जोड़ा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि प्राय: देखा गया है कि वृक्ष लगा तो दिए जाते हैं, पर कुछ समय बाद उनकी देखभाल नहीं हो पाती है. इसे ध्यान में रखते हुए अभियान के तहत हर वृक्ष का एक पालक या अभिभावक होगा जो सुनिश्चित करेगा कि उसके द्वारा रोपे गए वृक्ष को नियमित पानी मिले. स्थानीय स्तर पर पर्यावरण समितियां गठित की जाएंगी जो स्थायी रूप से इन वृक्षों की देख-रेख करेंगी. इन समितियों में मुख्यत: स्थानीय निवासी ही रहेंगे.

”हमें विश्वास है कि तीन से चार साल में जब ये वृक्ष बड़े हो जाएंगे तो उससे दिल्ली के प्रदूषण और लगातार बढ़ रहे औसत तापमान पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. दिल्ली के नगारिकों को इससे स्थायी लाभ होगा और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा. ”

भारत भूषण जी ने कहा कि संघ इस काम में संयोजक की भूमिका निभा रहा है. ”हमारा लक्ष्य समाज के अधिकाधिक लोगों को इसमें जोड़ना है, जिससे वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति न केवल सजग हों बल्कि इसमें भागीदार भी बनें.”

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