लोस चुनाव 2019 के लिए भाजपा ने ओबीसी वोटरों का गणित बिठाना शुरू किया

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देहरादून। ब्योरों।

भाजपा ने जहां पिछले लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में दलितऔरअल्पसंख्यक वोटरों को साधने में सफलता पाई थी। वहीं अब भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ओबीसी मतदाताओं का गणित 360 प्लस की ओर बिठाने जा रहे हैं। जिसमें ओबीसी के तहत आने वाले सभी जाती वर्गों को आरक्षण में खास छूट देने पर मंथन शुरू हो गया है।

बता दे कि देश में करीब सवा सौ करोड़ लोगों की आबादी निवास करती है। जिसमें से कुल 40.94 प्रतिशत जनसंख्या ओबीसी में आती है। ओबीसी के तहत भी कई जाति-वर्ग ऐसे हैं, जिनको पूर्ण कोटा लाभ नहीं मिल पाता है।

केंद्र की मोदी सरकार अब इस ओर खास ध्यान देने जा रही है। जिससें इस दायरे में आने वाले लोगों को 2019 तक ओबीसी कोटे के दायरे में लाकर लाभांवित किया जाएगा। ताकि इन मतदाताओं को लोकसभा के लिए पूरी तरह से भाजपा की ओर आकर्षित किया जा सकें।

ओबीसी की आय सीमा आठ लाख मंजूर– सरकार ने ओबीसी के दायरे में आने वाले लोगों के लिए वार्षिक आय की सीमा छह लाख से आठ लाख कर दी है। इस दायरे मंे आने वालों को केंद्र सरकार की नौकरियांे में आरक्षण लाभ दिए जाने की कवायद जोर पकड़ती दिख रही है।
ओबीसी के उप वर्गीकरण आयोग के गठन को मंजूरी– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत एक आयोग के गठन का फैसला किया है। यह आयोग अन्य पिछड़ा वर्गों के वर्गीकरण के विषय की जांच करेगा। इससे ओबीसी की उन जातियों को केंद्र सरकार की नौकरियों में लाभ मिलेगा। जो अभी तक लाभ के दायरे में नहीं थी।

 

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