भाजपा और एबीवीपी विवाद में केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

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देहरादून। संवाददाता। पिछले कुछ समय के भीतर हरिद्वार में तीन अंदरूनी विवाद के मामलें सामने आ चुके हैं। हरिद्वार जिलें में एक के बाद एक विवादों के सामने आने से भाजपा हाईकमान के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। हाई कमान ने हरिद्वार प्रकरण में रिपोर्ट तलब की।

पिछले लगभग एक महीने के दौरान यह तीसरा मामला है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता आपस में ही उलझ पड़े। पहले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के साथ मदन कौशिक खेमे के माने जाने वाले महापौर मनोज गर्ग का विवाद और फिर सांसद निशंक समर्थकों के साथ विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन का टकराव।

अभी ये दोनों मामले पूरी तरह खत्म भी नहीं हुए कि छात्रसंघ चुनाव को लेकर अभाविप ने विधायक यतीश्वरानंद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने ताजे प्रकरण में हरिद्वार इकाई से पूरा ब्योरा तलब कर लिया है।

हरिद्वार में भाजपा कार्यकर्ताओं का आपस में भिड़ने का तीसरा मामला शनिवार का है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने से नाराज भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार ग्रामीण के भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद के आश्रम में हमला बोल दिया।

इस दौरान विधायक व उनके समर्थक तथा अभाविप कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई भी हुई। इसके बाद विधायक के आश्रम की ओर से अभाविप कार्यकर्ताओं के खिलाफ ज्वालपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने इस मामले में पार्टी के ही बड़े नेता का हाथ होने आरोप भी लगाया।

रविवार को अभाविप के जिला संयोजक मोहित चैहान ने भी विधायक व उनके समर्थकों के खिलाफ क्रास रिपोर्ट दायर कर दी। इससे हरिद्वार में पार्टी में चल रही गुटबंदी एक बार फिर सतह पर आ गई है।

इससे पहले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व मदन कौशिक के समर्थक आपस में भिड़ गए थे। यह मामला इतना बढ़ा कि संगठन और सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। संगठन की ओर से इस मामले में अनुशासन समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह नेगी को जांच सौंपी गई थी।

 

यह बात अलग है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है। यह मामला थमा भी नहीं था कि भाजपा की तिरंगा यात्रा के दौरान खानपुर विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन व जिला पंचायत अध्यक्ष तथा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के समर्थकों के बीच मारपीट हुई। इस मामले में भी दोनों पक्षों की ओर से क्रास रिपोर्ट दर्ज की गई। एक बार फिर संगठन ने हस्तक्षेप करते हुए यह मामला सुलझाया।

 

अब बीते यह तीसरा मामला है जब हरिद्वार में भाजपा की अंतर्कलह खुल कर सामने आई है। अगले वर्ष होने वाले निकाय चुनाव और फिर लोकसभा चुनावों से पहले लगातार बढ़ रही अंतर्कलह संगठन की पेशानी पर बल डाले हुए हैं। आने वाले दिनों में भाजपा के कई दिग्गज हरिद्वार पहुंच रहे हैं।

 

20 सितंबर को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी देहरादून आ रहे हैं। प्रदेश भाजपा यह बिल्कुल नहीं चाहती की राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने संगठन का अंतर्कलह नजर आए। इसे देखते हुए संगठन अब किसी तरह इस मामले को सुलझाने में लगा हुआ है।

 

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