शौचालय न होने की जिल्लत झेल रही बहू ने ससुर, देवर पर ठोका मुक़दमा; जल्द शौचालय बनाने का बॉन्ड भरने पर मिली राहत

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  • कहानी मीनापुर के छेगन नेउरा की रंगीला देवी की है
  • रंगीला ने थाने में शिकायत की कि ससुराल में शौचालय न होने के कारण उसे खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है
  • तब बदनीयती से कई नजरें उसका पीछा करती हैं
  • शौचालय न होने के कारण ही वह पिछले पांच वर्षों से प्राय: मायके में ही रहती है
  • पति तमिलनाडु में काम करते हैं.  जब वे आते हैं तो ससुराल जाती हूं
  • शौचालय निर्माण के लिए कहने पर यह काम पति घरवालों के भरोसे छोड़ देते हैं

मुज्जफरपुर ( बिहार): घर में शौचालय न होने से पांच वर्ष तक जिल्लत झेल रही बहू का धैर्य जबाव दे गया तो वह सीधे थाने पहुँच गई और ससुर तथा देवर के खिलाफ शिकायत लिखा दी. उसने पुलिस के समक्ष बेबाकी से कहा कि पांच साल से रोज सुबह जो जिल्लत वह झेल रही, उसको वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती.

पुलिस ने भी तत्काल कठोर कदम उठाते हुए ससुर-देवर पर केस दर्ज कर दिया. पुलिस जांच और कार्रवाई में जुटी तो बहू रंगीला देवी की दुश्वारियां खत्म होने की राह निकल आई. ससुर-देवर ने घर में जल्द शौचालय बनवाने का बॉन्ड भरा. तब जाकर रंगीला ने थाने से अपना शिकायती आवेदन वापस ले लिया.

कहानी मीनापुर के छेगन नेउरा की रंगीला देवी की है. सीताराम साह की पुत्री रंगीला की शादी 2012 में करजा थाना क्षेत्र के जीयन खुर्द के शिवनाथ साह के पुत्र सुनील से हुई.  पिछले दिनों रंगीला ने थाने में शिकायत की कि ससुराल में शौचालय न होने के कारण उसे खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. तब बदनीयती से कई नजरें उसका पीछा करती हैं. शौचालय न होने के कारण ही वह पिछले पांच वर्षों से प्राय: मायके में ही रहती है. पति तमिलनाडु में काम करते हैं.  जब वे आते हैं तो ससुराल जाती हूं.  शौचालय निर्माण के लिए कहने पर यह काम पति घरवालों के भरोसे छोड़ देते हैं.  घर में इसके लिए आवाज उठाने पर ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं. ऐसे में पति के काम पर लौटते ही पुन: दो छोटे बच्चों के साथ मायके आ जाना पड़ता है.

जांच के बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने की थानेदार ने थाने में बहू और ससुरालवालों को बुलाकर सुलह कराई.  ससुर-देवर ने घर में जल्द शौचालय निर्माण कराने का बॉन्ड भरा है.  रंगीला के ससुर शिवनाथ साह ने बताया कि वह एक छोटे किसान हैं.  आर्थिक तंगी के कारण शौचालय का निर्माण नहीं करा पा रहे, मगर अब पंचायत और परिवार की मदद से प्राथमिकता के आधार पर शौचालय बनवाएंगे.  महिला थानाध्यक्ष ने बताया कि रंगीला के आवेदन पर वस्तुस्थिति की जांच कराई गई.  मूल समस्या शौचालय को लेकर ही थी.  बहू और ससुर-देवर में सुलह करा दी गई.

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