प्रशासन का अतिक्रमण हटाओें अभियान फेल

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में है। बीते कुछ सालों से प्रशासन जहंा अतिक्रमण हटाओं अभियान का दावा कर रहा है। वहीं इस अभियान के ठंडे बस्ते में जाते ही अतिक्रमण अपनी जगह पर मौजूद नजर आता है। ऐसे में अगर कहीं इन दिनों ट्टगुजरात के सूरतष् की तरह किसी प्रकार का अग्निकांड हो जाता है तो शहर में कई स्थान तो ऐसे भी है कि जहंा अतिक्रमण के कारण चाहकर भी अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच सकते है। लगता है कि जैसे प्रशासनिक अधिकारियों को सूरत जैसे किसी भीषण अग्निकांड का इंतजार है।

विदित हो कि बीते रोज गुजरात के सूरत शहर की एक इमारत में आग लग जाने से इमारत में स्थित कोचिंग सेन्टर के 20 छात्रों की मौत हो गयी थी। गर्मियों के सीजन के चलते आग इतनी तेजी से फैली कि सब कुछए कुछ ही समय में घटित हो गया। सूरत में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना से जहंा उत्तराखण्ड के प्रशासनिक अधिकारियों को नींद से जागना चाहिए था वहीं वह अब भी किसी गहरी निद्रा में सो रहे है। राजधानी देहरादून में कई स्थान व बाजार ऐसे है जहंा अतिक्रमण की चपेट में आने से बाजार में जाने वाले रास्ते संकरे हो गये है। जहंा किसी भी समय दुर्घटनावश आग लग जाने से अफरा तफरी तो फैल सकती है लेकिन चाहकर भी वहंा अग्निशमन की गाड़ियंा नहीं पहुंच सकती। ऐसे में लगता है कि राजधानी के प्रशासनिक अमले को सूरत जैसी किसी बडे़ अग्निकांड का इंतजार है जब जाकर कहीं वह सचेत होगे।

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