पश्चिम बंगाल में नहीं थम रहा ‘जय श्री राम’ पर विवाद, अब हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जय श्री राम के नारों को लेकर शुरू हुआ विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय में इसी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जो लोग ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने वालों को रोक रहे हैं उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई अलग स्तर पर पहुंच है। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी को भाजपा की तंज भरी चिट्ठियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि पश्चिम बंगाल के एक पोस्ट ऑफिस का काम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

दक्षिण कोलकाता में स्थित पोस्ट ऑफिस के हवाले से यह बात सामने आई है कि उन्हें प्राप्त कुल संदेशों में अकेले ममता बनर्जी के नाम 10 फीसदी चिट्ठियां हैं। पोस्ट ऑफिस की तरफ से इसके लिए बकायदा एक डाकिया अलग रखा गया है जो सिर्फ ममता बनर्जी की चिट्ठियां उनके पते पर पहुंचा रहा है। ममता को यह चिट्ठियां देश भर के भाजपा कार्यकर्ता भेज रहे हैं। जिसमें तंज के तौर पर ‘जय श्री राम’ लिखा हुआ है।

जाहिर है पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारे को लेकर देशभर में सियासी घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपाइयों के निशाने पर हैं। कहीं ममता के पुतले फूंके जा रहे हैं तो कहीं जुलूस निकाले जा रहे हैं। ‘जय श्री राम’ को लेकर ममता बनर्जी जिस तरह से भड़क रहीं हैं उस पर भाजपा ने उन पर हमला बोला है। भाजपा ने पहले ही घोषणा की थी कि वो ममता बनर्जी को 10 लाख पोस्टकार्ड भेजेगी। जिस पर जय श्री राम लिखा होगा।

वैसे इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से भी चिट्ठियों का दौर जारी है, जिसमें ‘जय श्री राम’ को ‘जय हिंद, जय बांग्ला’ से टक्कर देने की कोशिश है। टीएमसी नेता ज्योतिप्रियो मलिक ने बताया है कि भाजपा की इन चिट्ठियों का जवाब दिया जा रहा है। हावड़ा और हुगली से प्रति दिन 8,000 संदेश भेजे जा रहे हैं।

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