चीन सीमा से लगा यह गांव है भूस्खलन की जद में

0
217


चमोली। संवाददाता। चमोली जिले की नीती घाटी में गणेश गंगा और धौली गंगा नदी के मुहाने पर बसा सीमांत गमशाली गांव खतरे में है। लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण गमशाली के साथ ही वहां मौजूद आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) चौकी को भी खतरा पैदा हो गया है। बावजूद इसके प्रशासन सिर्फ सर्वेक्षण तक ही सिमटा हुआ है।
गमशाली गांव भारत-चीन सीमा से लगे अंतिम गांव नीती से पहले पड़ता है। गणेश गंगा और धौली गंगा नदी के बीच में स्थित इस गांव में भोटिया जनजाति के 150 से अधिक परिवार निवास करते हैं। जो ग्रीष्मकाल के छह महीने ही यहां रहते हैं और शीतकाल में बर्फबारी शुरू होने के साथ ही नीचे माइग्रेशन स्थलों पर आ जाते हैं।

गमशाली निवासी प्रिंस कुंवर बताते हैं कि पिछले पांच सालों से गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है और इसका दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इससे ग्रामीणों की कई नाली कृषि भूमि दोनों नदियों की भेंट चढ़ चुकी है। स्थिति यह है कि नदियों का कटाव अब आइटीबीपी चौकी की नीचे तक पहुंच गया है। बताया कि यहां के ग्रामीण नकदी फसलें उगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं, लेकिन भूस्खलन की रोकथाम के कोई उपाय न होने से उनकी कृषि भूमि लगातार घट रही है, जिससे ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं।

प्रिंस कुंवर ने बताया कि घाटी के गांवों में रहने वाले ग्रामीण सीमा पर द्वितीय रक्षा पंक्ति का कार्य करते हैं। ऐसे में उनका गांवों से पलायन करना शुभ संकेत नहीं माना जा सकता। उधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी का कहना है कि घाटी के भूस्खलन और आपदा से प्रभावित जितने भी गांव हैं, उनका दोबारा सर्वे किया जाना है। इसी के बाद तय हो पाएगा कि गांव का विस्थापन किया जाना है अथवा नहीं।

LEAVE A REPLY