ढोल दमाऊं हो सकता है गिनीज बुक में दर्ज

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हरिद्वार। संवाददाता। देवभूमि उत्तराखण्ड की लोक संसकृति की पहचान मेें चार चांद लगाने वाला ढोल -दमाऊं के संवर्धन और संरक्षण में जुटे कलाकारों के लिए खुशखबरी है। यही ढोल-दमाऊं के बल पर उत्तराखंड का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी चल रही हैं।
हरिद्वार में आयोजित होने वाले इस आयोजन में करीब एक हजार पांच सौ ढोल वादक अपनी प्रस्तुति देगें। ढोल वादकों के प्रशिक्षण के लिए देहरादून में एक शिविर का भी आयोजन किया जायेगा। जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के नेतृत्व में होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारीयां इन दिनों जोरो पर चल रही हैं।
उत्तराखंड के इतिहास में आगामी दस अगस्त की घटना सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने जा रही हैं। दरअसल हरिद्वार के प्रेम नगर आश्रम में उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों का राजा कहे जाने वाले ढोल को लेकर प्रस्तुति दी जायेगी वो एक नहीं पूरे 1500 ढोल वादक एक साथ अपनी प्रस्तुति देगें। जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के नेतृत्व में होने वाले इस कार्यक्रम में उत्तराखंड संस्कृति विभाग इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहा हैं। जिसके लिए ढोल वादकों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। इसके लिए बाजगीरोंढोल वादकों का रजिस्ट्रेशन 03 अगस्त तक रखा गया हैं।
कार्यक्रम की तैयारीयों में लगे हुए टिहरी के जिला पंचायत सदस्य केदार बर्डथ्वाल का कहना है कि आगामी 10 अगस्त को हरिद्वार में उत्तराखंड सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा एक प्रस्तुति गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के लिये रिकॉर्ड की जा रही है। जिसमें उत्तराखंड के 1500 ढोल वादक भाग लेंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड ,बैंक पास बुक अकाउंट नंबर एवं फोन नंबर अनिवार्य है। बाजगीरों को रहने खाने एंव आने-जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जायेगी व प्रतिदिन 500 रुपये मानदेय एंव प्रशस्ति पत्र मुख्यमन्त्री उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा। 5 अगस्त से देहरादून में इस खास प्रस्तुति हेतु चार दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ होगा जिसके पश्चात 10 अगस्त को यह ऐतिहासिक कार्यक्रम हरिद्वार में अपनी छटा बिखेरेगा।

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