मुख्यमंत्री ने गौचर मेले का शुभारंभ किया

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देहरादून। संवाददाता। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को गौचर में आयोजित 07 दिवसीय राज्यस्तरीय 67वें औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 45 करोड़ 96 लाख, 75 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।

जिसमें एडीबी वित्त पोषित कर्णप्रयाग नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 967.53 लाख, गौचर नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 650.00 लाख, नैनी आईसी से डुंग्री मोटर मार्ग लागत रू. 242.73 लाख, मोलागाड-मटई मोटर मार्ग लागत रू. 657.27 लाख, थिरपाक-काण्डई मोटर मार्ग लागत रू. 515.38 लाख, मीन मार्केट गौचर से जीजीआईसी गौचर तक पहुॅच मार्ग लागत रू. 21.00 लाख रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण किया।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तोली कल्याणी तल्ली मोटर मार्ग लागत रू. 391.81 लाख, पोखरी हरिशंकर मोटर मार्ग से थौली-थाला बैण्ड तक मोटर मार्ग लागत रू. 275.87 लाख, श्यान किसनपुर मोटर मार्ग एवं 80 मी0 स्पाॅन लौह सेतु लागत रू. 397.20 लाख, किमधार से स्यान-किशनपुर मोटर मार्ग लागत रू. 92.12 लाख एवं चटवापीपल से ग्राम सिरण-एण्ड मोटर मार्ग लागत रू. 385.84 लाख की विकास योजना का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इण्टर काॅलेज कर्णप्रयाग का नाम प्रथम विश्व युद्व के प्रथम विक्टोरिया क्राॅस पुरस्कार से सम्मानित वीसी दरबान सिंह के नाम रखने एवं गैरसैंण-धारगेड मोटर मार्ग का नाम स्वतन्त्रा संग्राम सैनानी बच्चन सिंह के नाम रखने की घोषाण भी की। इसके साथ ही उन्होंने गंगा गाय योजना के तहत दो महिला लाभार्थियों को 40-40 हजार रुपये के प्रदान किये। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत जनपद चमोली एवं रूद्रप्रयाग के 1054 लघु एवं सीमांत कृषकों को दो प्रतिशत ब्याज दर 01 लाख रूपये तक के कृषि ऋण के चेक भी वितरित किये।

मेला में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षित नौजवानों को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करते हुए नई तकनीकि के साथ कृषि क्षेत्र से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकि की सहायता से कृषि क्षेत्र में क्रान्ति लायी जा सकती है। डिग्री काॅलेज में पढने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए बीमा योजना भी शुरू की गयी है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए सीमांत जनपद चमोली व पिथौरागढ में कौशल विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया जा चुका है।

सेना में भर्ती होने के इच्छुक नौजवान युवक एवं युवतियों के लिए गढवाल एवं कुमांऊ मण्डल में दो प्रशिक्षण केन्द्र भी खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। इसको देखते हुए सरकार ने देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिक व अर्द्ध सैनिक बलों के परिवार के एक सदस्य को राजकीय सेवा में लिये जाने का भी निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश जारी हो चुका है।

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