पौड़ी शरदोत्सव में हुआ लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी का स्वागत व अभिनन्दन।

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देहरादून (संवाददाता) :  पौड़ी शरदोत्सव में प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का नागरिक अभिनंदन व उनके गीतों पर गीत संध्या ने शरदोत्सव को यादगार बना दिया। नवोदित कलाकारों ने नेगी के गीतों को पेश कर इस सांस्कृतिक संध्या को और भी अधिक आकर्षक बनाया।

पौड़ी शरदोत्सव में बीते सोमवार की रात नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों पर आधारित सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। इस मौके पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का नागरिक अभिनंदन किया गया। पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम व अन्य सभासदों ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिह्न भेंट किया।

इस मौके पर नेगी ने कहा कि पौड़ी मेरी मातृभूमि है और जो कुछ भी दिया, इस भूमि ने ही दिया। इसके बाद शुरू हुई सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अनुराधा निराला ने मांगल गीत ‘‘दैणा हुंया, खोलि का गणोशा’ से किया। मंच पर नवोदित गायक प्रेम बल्लभ पंत ने ‘‘धकद्यांदि जिकुड़ी, रगर्यांदी आंखि, कै थे खुजाणि होळी’, साक्षी डोभाल ने चल यीं, दुनियां से दूर चलि जौला, आकृति ने विराणि व्हे ग्ये सैंति-पालि व शिवम मुंडेपी ने सम्द्वोला का द्वि दिन समलौणा व्है ग्येनि, नेगी द्वारा रचित गीत गाकर महफिल सजा दी।

पदमेंद्र नेगी ने नए जन्म दिन कि बधे गाकर न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि दर्शकों पर भी गहरा प्रभाव डाला। गीत संध्या में संदीप छिलबट ने नए हास्य कलाकार के रूप में पहचान बनाई। उनके हास्य पर रामलीला मैदान में हंसी के ठहाके गूंज उठे। संध्या के संयोजक गौरीशंकर थपलियाल व संचालन गणोश खुगशाल गणी ने किया। कार्यक्रम में संगीता रावत, धर्मवीर रावत, अनूप रावत, मनोज नेगी, मनोज अंजुल आदि मौजूद थे।

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