शिक्षा मंत्री ने ब्रिज कोर्स न कराने का आश्वाशन दिया तो मान गए प्राथमिक शिक्षक; अब गैरसैण कुच नहीं होगा; दूसरे चरण का आंदोलन भी स्थगित

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देहरादून (संवाददाता) : गैरसैंण कूच के लिए प्राथमिक शिक्षक संघ की अपील व तैयारियों को देखते हुए मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय स्वयं आंदोलित शिक्षकों के बीच पहुंचे। पांडेय ने शिक्षकों को भरोसा दिया कि वे शिक्षकों द्वारा पूर्व में लिये गये प्रशिक्षण को वैध करवाएंगे और उनकी नौकरी पर किसी तरह की आंच नहीं आएगी।

इसके बाद शिक्षक संघ ने गैरसैंण कूच के साथ ही दूसरे चरण का आंदोलन भी स्थगित करने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री ने पिथौरागढ़ व चंपावत जिलों के शिक्षकों के द्वारा चलाये जा रहे आखिरी दिन के धरने में पहुंच कर शिक्षकों को समझाया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं एनसीटीई से विशिष्ट बीटीसी के प्रशिक्षण को वैध करवाकर लाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि किसी भी शिक्षक की नौकरी पर कोई आंच नहीं आएगी और किसी के खिलाफ कोई उत्पीड़ात्मक कार्रवाई भी नहीं की जाएगी।

उन्होंने मौके पर शिक्षा निदेशक को निर्देश दिये कि इस प्रकरण में कोई भी ऐसा पत्र जारी नहीं किया जाए, जिससे शिक्षक आहत हों। शिक्षा मंत्री के इस आश्वासन के बाद संघ ने एक बैठक की और मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र लिखा। प्रांतीय अध्यक्ष निर्मला महर व महामंत्री दिग्विजय सिंह चौहान द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि बीएड, सीपीएड, डीपीएड, मृतक आश्रित, उर्दू योग्यताधारी ऐसे शिक्षक समय-समय पर विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भी प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त हुए हैं।

सोलह वर्ष की सेवाओं के बाद एनसीटीई ने प्रशिक्षण को मान्यता न होने की बात कही है। इसके बाद 18000 शिक्षकों एनआईओएस से ब्रिज कोर्स करने को बाध्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा शिक्षकों को बाध्य करने से शिक्षकों में भारी आक्रोश है। इसकी वजह शिक्षकों ने 22 नवंबर से 5 दिसंबर तक निदेशालय पर जिलावार धरना कार्यक्रम चलाया। मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने मौके पर पहुंचकर शिक्षकों को पुन: प्रशिक्षण न लेने के लिए आास्त किया। इसके उपरांत संघ ने द्वितीय चरण के आंदोलन के साथ ही सात दिसंबर को भराड़ीसैंण कूच के साथ ही वहां धरना-प्रदर्शन करने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

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