नैनी झील का अस्तित्व खतरे में ; झील का पानी रोज सवा इंच घट रहा है; पेयजल आपूर्ति को छह से आठ घंटे तक करने के निर्देश।

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नैनी झील का जलस्तर रोज सवा इंच घट रहा है। पिछले तीन माह में जलस्तर छह फीट घट गया है। यदि बर्फबारी व बारिश नहीं हुई तो फरवरी में जलस्तर शून्य में पहुंच जाएगा। सिंचाई विभाग के इस आंकलन के बाद चिंतित जिला प्रशासन ने शहर में पानी की सप्लाई रोज छह से आठ घंटे करने का निर्णय लिया है। अब तक यह 24 घंटे होती थी।

नैनीताल : प्रसिध्द पर्यटक स्थल नैनीताल का मुख्य आकर्षण नैनी झील का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है जो पर्यावरण प्रेमियों के लिए तो चिंता की बात है ही नैनीताल के बजूद के लिए भी खतरे की घंटी है। प्राप्त सूचना के अनुसार नैनी झील का जलस्तर रोज सवा इंच घट रहा है। पिछले तीन माह में जलस्तर छह फीट घट गया है। यदि बर्फबारी व बारिश नहीं हुई तो फरवरी में जलस्तर शून्य में पहुंच जाएगा। सिंचाई विभाग के इस आंकलन के बाद चिंतित जिला प्रशासन ने शहर में पानी की सप्लाई रोज छह से आठ घंटे करने का निर्णय लिया है। अब तक यह 24 घंटे होती थी।

कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने सिंचाई विभाग व नगर पालिका के अधिकारियों की बैठक ली। इसमें नैनी झील के जल स्तर को लेकर चिंता खुलकर सामने आई। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र सिंह व जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सुनील तिवारी ने बताया कि 2016 से पहले झील से शहर को प्रतिदिन 16 से 20 घंटे पानी की सप्लाई होती थी, जो करीब 16 एमएलडी थी, लेकिन 2015-16 में बारिश, बर्फबारी में कमी आई व झील का आकार बदल गया।

इसी साल गर्मियों में जलस्तर 19 फीट तक घट गया, जो गंभीर चिंता की वजह है। जिलाधिकारी ने रोस्टिंग कर पेयजल आपूर्ति को छह से आठ घंटे तक करने के निर्देश दिए। होटल मालिकों, स्थानीय जनता व पर्यटकों से पानी का दुरुपयोग रोकने की अपील की।

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