आदिम जनजाति ”वन रौतों” के गाँव कूटा, जमतड़ी सड़क पहुंची तो गांव में जमकर मना जश्न

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पिथौरागढ़ : आदिम जनजाति वन रावतों के गाँव कूटा, जमतड़ी आजादी के सत्तर साल बाद बीते गुरुवार को सड़क पहुंचने पर गांव में जमकर जश्न मना। क्षेत्र के गांवों का आजादी के सत्तर साल बाद वनवास समाप्त हुआ है। नदी, नालों को आदिम युग की तरह पार करने वाले ग्रामीणों को पहली बार सड़क की सौगात मिली तो गाँव में जश्न क्यों नहीं होता?

तहसील डीडीहाट के अस्कोट क्षेत्र का कूटा, जमतड़ी क्षेत्र आज के युग में भी सड़क विहीन था। यह क्षेत्र आदिम वनराजि जनजाति बहुल क्षेत्र है। इस क्षेत्र में सड़क नहीं होने से ग्रामीण परेशान थे। क्षेत्रवासियों को अस्कोट और डीडीहाट आने-जाने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता था। इसके अलावा मानसून काल में एक तरफ से गोरी नदी और दूसरी तरफ से नौंतिस नदी ग्रामीणों को गांव में ही कैद कर देती थी। यह क्षेत्र अस्कोट-कस्तूरा मृग अभ्यारण्य में आता था। 28 साल तक अभ्यारण्य के अंतर्गत रहने का दर्द क्षेत्र की हजारों की जनता ने सहन किया। तब सड़क तो दूर क्षेत्र के लिए एक सुरक्षित मार्ग तक का निर्माण नहीं हो सका था।

इधर क्षेत्र के अभ्यारण्य की सीमा से बाहर होने के बाद देवीसूना से 12 किमी सड़क स्वीकृत हुई। क्षेत्र के विधायक विशन सिंह चुफाल ने इसे प्राथमिकता के साथ पूरा करने की चुनौती ली और आज सड़क जमतड़ी गांव तक पहुंच चुकी है। जमतड़ी गांव तक सड़क बनने से अधिकांश गांव सड़क से जुड़ गए हैं। सड़क का शेष बचा दो किमी मोटर मार्ग का निर्माण हो रहा है। इसी के साथ जमतड़ी गांव के सभी तोक भी सड़क से जुड़ जाएंगे। गुरुवार को सड़क के जमतड़ी पहुंचने पर गांव में जश्न का माहौल बना रहा। विधायक चुफाल को बुलाकर उनका ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया।

इस मौके पर विधायक विशन सिंह चुफाल ने कहा कि कूटा, जमतड़ी क्षेत्र तक सड़क निर्माण के बाद अब डीडीहाट विधानसभा का पूरा क्षेत्र सड़क से जुड़ चुका है। सड़क बनने से अब क्षेत्र से पलायन पर भी रोक लगेगी। इस मौके पर हिमांशु ओझा, हरेंद्र चुफाल, रमेश पांडेय, शंकर बोरा, प्रशांत पाटनी, महेश कन्याल, दीपक चुफाल, पूरन कन्याल, गिरीश चुफाल सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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