उत्तराखंड की सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमा की सड़कों को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य

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चीन बार्डर की सड़कों को बनाने के लिए सरकार और बीआरओ ने मार्च तक का टॉरगेट रखा है। पिथौरागढ़ के घटियाबगड़-लिपुलेख मार्ग पर कठोर चट्टान तोड़ने के लिए बाहर से मशीनें मंगाई जा रही हैं। 

देहरादून : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन बार्डर की सड़कों को बनाने के लिए सरकार और बीआरओ ने मार्च तक का टॉरगेट रखा है। पिथौरागढ़ के घटियाबगड़-लिपुलेख मार्ग पर कठोर चट्टान तोड़ने के लिए बाहर से मशीनें मंगाई जा रही हैं।

शनिवार को  मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एसके श्रीवास्तव के बीच हुई वार्ता में यह निर्णय लिया गया। श्रीवास्ताव ने मुख्य सचिव को सीमा पर बन रही सड़कों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटियाबगड़-लिपुलेख पर लगभग 16 किमी पर कठोर चट्टान है, जहां मशीनों को भी ले जाना मुश्किल है। वहां सड़क बनाने के लिए बाहर से आधुनिक मशीनें मंगाई जा रही हैं।

लोनिवि भी इस स्थान पर लगभग 200 मीटर पैदल रास्ता बनाएगा, लेकिन यह तभी संभव हो पाएगा, जब बीआरओ चट्टान को तोड़ेगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बीआरओ के महानिदेशक से उत्तराखंड में तैनात अपने अफसर व स्टॉफ को निर्माण कार्य में तेजी लाने का कहा।

उन्होंने बताया कि बर्फबारी के बावजूद केदारनाथ में निर्माण कार्य चल रहा है। बीआरओ भी ऐसी व्यवस्था करें कि जहां इस समय बर्फ पड़ी है वहां सड़क निर्माण कार्यों में शिथिलता न बरतें। उन्होंने कहा कि  जोशीमठ में जो बाईपास बनना है, उस पर जल्द काम शुरू किया जाए, ताकि यात्रा सीजन में जाम की स्थिति न हो।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि भागीरथी ईको सेंसटिव जोन के अंतर्गत आने वाली सड़कों के लिए जोनल प्लान बनाया है। केंद्रीय सड़क मंत्रालय ने इसकी डीपीआर भी तैयार कर दी है। जल्द ही इन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा।

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