उत्तराखण्ड के नीती गांव में होता है आजादी का जश्न कुछ खास

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चमोली। संवाददाता। आजादी मिलें पूरे 70 साल होने जा रहे हैं। मगर आज भी उत्तराखण्ड के चमोली जिले का नीती मलारी जो चीन सीमा से लगा है। यहां धूमधाम से आजादी का जश्न मनाया जाता है। इन दिनों चीन भारतीय सीमा पर घुसबैठ करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में ग्रामीणों के भीतर देशभक्ति का जुनून दोगुना हो चला है। महिला हो या पुरूष सभी अपने-अपने अंदाज में आजादी के गीत गुनगुनाते नजर आते हैं।

जब देश आजाद हुआ था उस मलारी के लोगों को आजादी की सूचना रेडियों के माध्यम से मिली थी। भारत की सीमांत घाटी नीती मलारी गमशाली में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन भव्य और धार्मिक उत्सव की तरह मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को जब दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया गया था। उसी दिन सीमांत गांव के लोगों ने भी सामूहिक रूप से तिरंगा फहराया था। गमशाली के पूर्व प्रधान खीम सिंह खाती बताते हैं कि गांव के बुजुर्गों को देश के स्वतंत्र होने की खबर रेडियो से मिली थी। तब से लोग उत्सव की तरह स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

अपने-अपने गांव से बैनर और तिरंगा लेकर गांव के लोग दंफूधार में स्वतंत्रता दिवस में मनाते हैं। घर-घर में पकवान बनाये जाते हैं। सामूहिक रूप से यहां पर एक स्थान पर ध्वजारोहण किया जाता है। चीन सीमा से लगे इस घाटी के लोगों की राष्ट्र भक्ति का सम्मान करने के लिए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धनसिंह रावत 15 अगस्त को गमशाली में इस आयोजन में शिरकत करेंगे। जानकारी देते हुए बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि वे भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

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