शहीद दिनेश का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, लिपटकर रोई मां, फौजी पिता ने चूमा माथा ; बिलखता रहा पूरा गांव

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शहीद की मां तुलसी देवी व बहन ममता के करुण क्रंदन से हरेक आंख छलक उठी। वीर बेटे के अंतिम दर्शन कर फौजी पिता नायब सूबेदार गोधन सिंह गैड़ा भी बिलख पड़े।

अल्मोड़ा : जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद अल्मोड़ा के जवान लांस नायक दिनेश सिंह गैड़ा का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गांव मिरगांव ध्याड़ी लाया गया। पार्थिव शरीर जैसे ही सेना के वाहन से घर पहुंच परिजनों में चीख-पुकार मच गया।

शहीद की मां तुलसी देवी, बहन ममता और फौजी पिता नायब सूबेदार गोधन सिंह गैड़ा के करुण क्रंदन से साथ आए जवान और गांव वाले भी रो पड़े। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा दिनेश तेरा नाम रहेगा… नारे से आसामान गूंज उठा। पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के बाद गांव से करीब तीस किमी दूर पवित्र घाट सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्ट की जाएगी।

सड़क मार्ग से लाया गया पार्थिव शरीर

मंगलवार को भारतीय सेना की एंबुलेंस के जरिये सिख रेजिमेंट के सैन्य अधिकारी व जवान भनोली तहसील स्थित ध्याड़ी क्षेत्र के मिरगांव पहुंचे। एक टुकड़ी सुबह ही ध्याड़ी पहुंच चुकी थी। जांबाज का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही माहौल बेहद भावुक और गमगीन हो गया। शहीद की मां तुलसी देवी व बहन ममता के करुण क्रंदन से हरेक आंख छलक उठी। वीर बेटे के अंतिम दर्शन कर फौजी पिता नायब सूबेदार गोधन सिंह गैड़ा भी बिलख पड़े। बाद में गांव से करीब तीस किमी दूर पवित्र तीर्थ घाट पर में अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

भारतीय सेना के अधिकारी शहीद जांबाज दिनेश सिंह गैडा़ को अंतिम सलामी देने के लिए ध्याडी़ कस्बे में पहुंचे। यहां से करीब छह किमी दूर शहीद दिनेश सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा दे सिख रेजिमेंन्ट के बहादुरों ने जैसे ही बलिदानी सपूत के गांव में प्रवेश किया क्षेत्र का माहौल बेहद भावुक व गमगीन हो गया।

मां तुलसी देवी व फौजी पिता नायब सूबेदार गोधन सिंह ने अपने जांबाज बेटे के अंतिम दर्शन किए। सिख रेजीमेंट के सैन्य अधिकारी, जवान, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि व क्षेत्र के लोग घर के आंगन में पहुंचे तो पूरा गांव बिलख पड़ा। करुण क्रंदन के बीच शहीद की मां तुलसी देवी बहन ममता देवी गश खाकर गिर पडे़। अब तक हौसला रखे फौजी पिता अवकाश प्राप्त नायब सूबेदार गोधन सिंह गैड़ा लाडले का पार्थिव शरीर देख खुद को रोक न सके और फफक कर सलामी दी। मां भारती के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले शहीद दिनेश को अंतिम विदाई देने के लिए समूचा गांव उमड़ पड़ा।

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