- लोक सेवा आयोग के दायरे के बाहर की सभी नौकरियों का रास्ता घर से ही खुलेगा
- हाईकोर्ट द्वारा सेवायोजन पंजीकरण रद्द करने पर सबके लिए खुल गयी थी
- भर्ती हाईस्कूल-इंटर यहां से करने वालों को ही मिलेंगी नौकरी
- सैनिकों, अर्धसैनिकों व बाहर नौकरी करने वालों को भी मिलेगा लाभ
- प्रदेश में सरकारी नौकरी करने वाले भी इस लाभ के दायरे में आये
देहरादून : विभागीय भर्तियों खासकर समूह ‘‘ग’ की भर्तियों में राज्य के बेरोजगारों को ही नौकरी मिले, इसके लिए त्रिवेंद्र सरकार ने रास्ता निकाल लिया है। पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा इन भर्तियों में सेवायोजन के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने के बाद राज्य के बेरोजगारों के लिए सरकारी नौकरी में अवसर कम हो गये थे।
बृहस्पतिवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने राज्य के बेरोजगारों को प्रदेश की नौकरियों में अधिक से अधिक रोजगार के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। देश के कुछ अन्य राज्यों की तरह अब राज्य सरकार के अधीन सभी सेवाओं के समूह ‘‘ग’ की सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति में राज्य के स्थायी निवासियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
इस फैसले के अनुसार अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परिधि के अंतर्गत तथा लोक सेवा आयोग की परिधि के बाहर के समूह ‘‘ग’ के सीधी भर्ती के पदों पर आवेदन करने के लिए वही अभ्यर्थी पात्र होगा, जिसने अपनी हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट अथवा इनके समकक्ष स्तर की शिक्षा, उत्तराखंड राज्य में स्थित किसी मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त की हो। इसके साथ ही सैनिक/अद्र्वसैनिक बलों के कार्मिकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार अथवा उसके अधीन स्थापित किसी राजकीय/अर्धशासकीय संस्था में नियमित पदों पर नियमित रूप से नियुक्त कार्मिकों एवं केन्द्र सरकार अथवा केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में नियमित पदों पर नियमित रूप से उत्तराखंड में कार्यरत ऐसे कार्मिक भी इस दायरे में आएंगे। जिनकी सेवाएं उत्तराखंड से बाहर स्थानांतरित नहीं हो सकती। वे स्वयं अथवा उनके पुत्र/पुत्री समूह ‘‘ग’ के पदों पर आवेदन के लिए पात्र होंगे। यही नहीं सरकारी सेवाओं में प्रदेश से बाहर नौकरी करने वालों उत्तराखंड के निवासियों को भी इसके दायरे में लाया गया है। उनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा बाहर होने के बावजूद वे इन भर्तियों में समान रूप से पात्र होंगे।
प्रदेश सरकार के इस निर्णय से विभागीय नौकरियों विशेषकर समूह ‘‘ग’ की भर्तियों के लिए राज्य के निवासियों के सामने खड़े हुए संकट का रास्ता निकल जाने से बेरोजगारों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्य से युवाओं के पलायन को रोकने में मदद मिलेगी तथा युवाओं को प्रदेश में ही सरकारी नौकरियों के अवसर मिल सकेंगे।
राज्य के युवाओं के व्यापक हित को देखते हुए माना जा रहा था कि राज्य सरकार इस संबंध में जल्दी ही कोई रास्ता निकाल लेगी। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा सेवायोजन के पंजीकरण की शर्त हटाने के आदेश देने के बाद से ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका रास्ता निकालने के प्रयास शुरू कर दिये थे, जिसकी परिणति आज कैबिनेट के फैसले के रूप में हो गयी है।