देहरादून। देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान आइआइटी में दाखिले की ख्वाहिशमंद छात्राओं के लिए एक अच्छी खबर है। आइआइटी में इस बार छात्राओं को 17 प्रतिशत अतिरिक्त सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। जबकि गत वर्ष 14 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें आवंटित की गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छात्राओं को काफी पीछे की रैंक पर भी अच्छे आइआइटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं ओर बढ़ गई हैं।
दरअसल, साल 2018 से ही आइआइटी में जेंडर गैप को कम करने के लिए लड़कियों के लिए हर ब्रांच में सुपरन्यूमरेरी कोटा तय किया गया है। इसके तहत कुल 14 प्रतिशत सीटों पर लड़कियों को अलग से दाखिला दिया गया। इसकी संख्या करीब 900 रही थी। इन सीटों को मिलाकर आइआइटी में गत वर्ष करीब 1840 छात्राओं ने दाखिला लिया। इस साल छात्राओं को 17 प्रतिशत सुपरन्यूमरेरी सीटों पर दाखिला मिलेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस प्रतिशत को वर्ष 2020-21 तक 20 से 21 फीसद तक पहुंचाना चाहता है। कोटा तय नहीं होने से पहले मात्र 10 प्रतिशत लड़किया ही आइआइटी में जा रही थीं। अब देश की 23 आइआइटी में लड़कियों की संख्या 2200 से 2500 तक पहुंचाने का टार्गेट है।
बलूनी क्लासेज के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी के अनुसार कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन आदि लड़कियों की पसंदीदा ब्राच हैं। अगर आइआइटी में मन मुताबिक ब्राच नहीं मिलती है तो वे एनआइटी या टॉप ट्रिपल आइटी में दाखिला लेती हैं। सिविल, मैकेनिकल, सहित स्पेशलाइजेशन ब्राच में लड़किया कम ऐडमिशन ले रही हैं।
इस व्यवस्था के तहत अब छात्राओं को काफी पीछे की रैंक पर भी अच्छे आइआइटी में ब्राच मिलने की संभावनाएं ओर बढ़ गई हैं। बता दें, जेईई एडवांस्ड के माध्यम से देश की 23 आइआइटी की लगभग 11 हजार 279 सीटों पर प्रवेश मिलता है। परीक्षा 27 मई को होने जा रही है। जेईई मेन परीक्षा द्वारा चुने हुए शीर्ष दो लाख 45 हजार विद्यार्थी जेईई एडवांस के लिए पात्र घोषित किए जाएंगे। जिसमें सामान्य श्रेणी के 1,13,925, ईडब्ल्यूएसके 9800, ओबीसी के 66,150, एससी के 36,750 एवं एसटी के18,375 विद्यार्थी शामिल हैं।