मॉनसून आने के बाद भी धधक रहे जंगल, सैकड़ों हेक्टेयर जलकर राख

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड में मॉनसून आने के चार दिन बाद भी जंगल धधक रहे हैं. दरअसल कुमाऊं के रास्ते राज्य में आया मॉनसून वहीं ठिठक गया और गढ़वाल के जंगलों में अब भी आग लग रही है जिससे सैकड़ों हेक्टेयर वन संपदा ही ख़ाक नहीं हो रही पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है. चमोली और उत्तरकाशी ज़िलों के जंगलों में आज भी जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आईं जिनके सामने वन विभाग लाचार दिखा।

चमोली में बद्रीनाथ वन प्रभाग के नंदप्रयाग रेंज के बैडाणू व भकुंडा के समीप पिछले दो दिन से जंगलों में लगातार आग का सिलसिला जारी है लेकिन वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने का प्रयास करने के बजाय बारिश होने का इंतजार कर रहे है। चमोली में बद्रीनाथ वन प्रभाग के नंदप्रयाग रेंज के बैडाणू व भकुंडा के समीप पिछले दो दिन से जंगलों में लगातार आग का सिलसिला जारी है लेकिनर वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने का प्रयास करने के बजाय बारिश होने का इंतजार कर रहे है।

जंगलों में लगी इस आग के चलते जहां बेशकीमती वन संपदा जलकर खाक हो रही है, वहीं पर्यावरण प्रभावित होने के साथ ही वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी प्रभाव पड़ रहा है। जंगलों में लगी इस आग के चलते जहां बेशकीमती वन संपदा जलकर खाक हो रही है, वहीं पर्यावरण प्रभावित होने के साथ ही वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
बता दें कि इस फ़ायर सीज़न के दौरान जंगलों में आग लगने की 128 घटनाएं हुई हैं और लगभग 300 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र इस आग के चलते प्रभावित हुए हैं. बता दें कि इस फ़ायर सीज़न के दौरान जंगलों में आग लगने की 128 घटनाएं हुई हैं और लगभग 300 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र इस आग के चलते प्रभावित हुए हैं।

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