देशभर में बढ़ी गंगाजल की मांग, डाक विभाग दो साल में भेज चुका है आठ लाख बोतल जल

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मैदानी इलाकों में गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण के चलते उद्गम क्षेत्र के गंगा जल का महत्व बढ़ता जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में निर्मल पावन गंगा जल की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। बीते दो साल में ही डाक विभाग के माध्यम से गंगोत्री धाम से साढ़े आठ लाख बोतल गंगा जल देश के विभिन्न घरों तक पहुंचाया गया। डाक विभाग के अलावा कई निजी कंपनियां भी गंगा जल के कारोबार में जुटी हैं।गंगा के तीर्थ पुरोहितों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में अपने यजमानों के घर जाकर उन्हें पवित्र गंगा जल उपलब्ध कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। अब गंगा जल कारोबार का रूप लेता जा रहा है। डाक विभाग भी पवित्र गंगा जल को देश दुनिया में लोगों तक पहुंचाने में जुटा है। अक्तूबर 2018 में मुख्य डाकघर उत्तरकाशी में बॉटलिंग प्लांट लगाकर यहां से गंगोत्री के गंगा जल की आपूर्ति की जा रही है।मैदानी इलाकों में गंगा जल प्रदूषित होने से धार्मिक कार्यों के लिए उद्गम क्षेत्र के निर्मल पावन गंगा जल की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। डाक विभाग के अलावा कुछ निजी कंपनियां भी जिले में मिनरल वाटर प्लांट की आड़ में गंगा जल का कारोबार कर रही हैं।उत्तरकाशी के पोस्टमास्टर राकेश रजवार ने बताया कि विभाग गंगोत्री से बड़े टैंकरों में गंगा जल उत्तरकाशी ला रहा है। यहां डाकघर में बने बॉटलिंग प्लांट में गंगा जल को तीन चरण में फिल्टर कर इसे 30-30 मिलीलीटर की बोतलों में पैक किया जा रहा है। यहां से गंगा जल देहरादून भेजा जाता है।वहां से देश के विभिन्न हिस्सों में डाकघरों के माध्यम से इसे 30 रुपये प्रति बोतल की दर से बेचा जा रहा है। इस कार्य में बीस स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया है। उन्होंने बताया कि डिमांड के आधार पर गंगा जल की पैकिंग कराई जाती है। कोरोना काल में देश के विभिन्न हिस्सों में मंदिर बंद होने के कारण डिमांड में कुछ कमी आई।

वर्ष 2018-19 में 1,35,600 बोतल
वर्ष 2019-20 में 4,44,816 बोतल
वर्ष 2020-21 में 2,64,480 बोतल

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