शिवभक्त कर रहे महादेव की आराधना, जानिए सावन की पहली शिवरात्रि के क्यों है खास मायने

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शिव भक्तों ने आज सावन की पहली मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा। है। शहर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है। श्रद्धापूर्वक शिव पूजन किया जा रहा है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को रात 08.32 मिनट से 16 जुलाई को रात 10.08 मिनट तक रहेगी।

शिवरात्रि में शिव पूजा निशिता काल मुहूर्त में की जाती है। इस साल सावन में दो मासिक शिवरात्रि का संयोग बन रहा है। डॉ. आचार्य सुशांत राज ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस साल सावन का महीना बहुत ही खास होने वाला है। श्रावण माह में चारों ओर शिवभक्त महादेव की आराधना में होते हैं। इस माह में शिव पूजा के लिए सोमवार, प्रदोष व्रत और सावन शिवरात्रि का दिन बहुत खास माना जाता है।

हर माह में मासिक शिवरात्रि आती है लेकिन इस साल सावन में दो मासिक शिवरात्रि का संयोग बन रहा है। इस दिन शिव जी का प्रकट्य हुआ था। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिव जी देवी पार्वती के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। इस साल सावन की पहली मासिक शिवरात्रि 15 जुलाई को है। इस दिन भोलेनाथ को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से शिवजी की पूजा करें। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक कराएं।

भोलेनाथ के आठ नामों भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान को लेकर फूल अर्पित कर शिव जी की आरती और परिक्रमा करें।

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