पांच साल में कई गुना बढ़ जाती विधायकों की संपत्ति, 31 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार

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उत्तराखंड में विधायकों की बढ़ती अमीरी बता रही है कि इस पहाड़ी राज्य में राजनीति घाटे का सौदा तो नहीं है। एक से अधिक बार विधायक चुन लिए गए तो चांदी ही चांदी। पिछले दो विधानसभा चुनाव में चुने गए विधायकों की संपत्ति के ब्योरा का तुलनात्मक विश्लेषण करने के बाद तो यही निष्कर्ष निकलता है। प्रदेश में वर्ष 2012 में निर्वाचित 70 विधानसभा सदस्यों में से वर्ष 2017 में 32 दोबारा चुन कर आए और इनमें से अधिकांश विधायकों की संपत्ति में भारी बढ़ोतरी हुई।

2017 में 637 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा
शायद यही वजह है कि हर चुनाव में बड़ी संख्या में लोग उम्मीदवारी करते हैं। पिछले चार चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या का आकलन करें तो औसतन एक सीट पर 11 उम्मीदवार ताल ठोकते हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2002 में 927 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जबकि 2007 में 785 उम्मीदवार मैदान में थे। 2012 में उम्मीदवारों की संख्या बढ़कर 788 हो गई और 2017 में 637 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।

चुनाव लड़ने के इस चाव के पीछे दरअसल समाज और जनता की सेवा के साथ ही सत्ता का प्रसाद भी है। चुनाव दर चुनाव विधायकों की संपत्ति में बढ़ोतरी के साथ ही करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इनमें कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जो एक से अधिक बार विधायक चुने गए। वर्ष 2017 के चुनाव में 31 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार मैदान में थे, जो करोड़पति थे। इसमें 70 सीटों पर कांग्रेस के 52 और भाजपा के 48 उम्मीदवार करोड़पति थे।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्स (एडीआर) ने वर्ष 2017 के चुनाव में शपथपत्र में घोषित संपत्ति के आधार पर उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट तैयार की है। 31 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इसमें पांच करोड़ से अधिक संपत्ति वाले 34 उम्मीदवार, दो से तीन करोड़ वाले 73 उम्मीदवार, 50 लाख से दो करोड़ वाले 189, 10 से 50 लाख वाले 162 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। जबकि 10 लाख से कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 179 थी।

विधायकों को हर माह मिलते हैं 1.98 लाख रुपये
तेलगांना के बाद उत्तराखंड राज्य में विधायकों को वेतन और भत्ते मिला कर प्रति महीने लगभग दो लाख रुपये मिलते हैं। प्रदेश में विधायकों का वेतन 30 हजार है। विभिन्न भत्तों को मिलकर उन्हें हर महीने 1.98 लाख रुपये मिलते हैं। त्रिवेंद्र सरकार के समय गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र में विधायकों का वेतन 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार किया गया। वर्ष 2017 के चुनाव में कुल 637 उम्मीदवार मैदान में थे। जिसमें छह राष्ट्रीय दल, चार क्षेत्रीय दल, 24 गैर मान्यता प्राप्त दलों से उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। जबकि 261 निर्दलीय उम्मीद थे।

अधिक संपत्ति वाले टॉप 10 उम्मीदवार

नाम        –               दल    –       चल व अचल संपत्ति (करोड़ में)
सतपाल महाराज –   भाजपा   –    80.25 करोड़
मोहन प्रसाद काला  -निर्दलीय   –  75.79 करोड़
शैलेंद्र मोहन सिंघल –  भाजपा   –   35.63 करोड़
राजेश शुक्ला         –   भाजपा  –     25.97 करोड़
चौधरी यशवीर सिंह  – कांग्रेस   –     24.49 करोड़
जेपेंद्र सिंह         –       आरएलडी  –  24.48 करोड़
मोहित कुमार     –        निर्दलीय   – 23.87 करोड़
राजीव अग्रवाल    –        बसपा   –    23.38 करोड़
काजी निजामुद्दीन    –    कांग्रेस     –  21.30 करोड़
सुभाष सिंह चौधरी   –    बसपा      –   20.32 करोड़
नोट : एडीआर रिपोर्ट के आंकड़े
12 प्रतिशत उम्मीदवारों ने नहीं दिया पैन का वितरण
वर्ष 2017 के चुनाव में कुल उम्मीदवारों में से 78 यानी 12 प्रतिशत ने पैन का विवरण नहीं दिया। जबकि सात उम्मीदवारों ने अपनी वार्षिक आय घोषित की है। जिसमें सबसे अधिक आय घोषित करने में सितारगंज से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले मोहन प्रसाद काला की वार्षिक आय पांच करोड़ से अधिक, हरिद्वार ग्रामीण से हरीश रावत की दो करोड़ से अधिक, रामनगर से बसपा उम्मीदवार राजीव अग्रवाल की एक करोड़ से वार्षिक आय है।

विधायकों की संपत्ति का ब्योरा
विधायक      –    वर्ष 2012   –     वर्ष 2017(संपत्ति का विवरण रुपए में)
प्रीतम सिंह    –    2.78 करोड़    –     8.10 करोड़
हरक सिंह रावत – 1.97 करोड़  –       2.68 करोड़
सुबोध उनियाल  –  30.84 लाख    –   1.65 करोड़
प्रीतम सिंह पंवार –  1.27 करोड़   –     2.17 करोड़
सहदेव पुंडीर   –    72.43 लाख    –    1.90 करोड़
उमेश शर्मा काऊ   -1.78 करोड़  –       3.7 करोड़
हरबंस कपूर    –    84.50 लाख   –    1.27 करोड़
गणेश जोशी     –   1.47 करोड़    –    3.27 करोड़
प्रेमचंद अग्रवाल –   1.33 करोड़   –     3.24 करोड़
मदन कौशिक    –  97.53 लाख   –    2.45 करोड़
पुष्कर सिंह धामी   -45.95 लाख  –    49.15 लाख
आदेश चौहान    –   77.2 लाख  –    79.94 लाख
फुरकान अहमद   – 1.60 करोड़   –    2.51 करोड़
प्रदीप बत्रा      –    2.93 करोड़ –     3.81 करोड़
कुंवर प्रणव चैंपियन- 1.03 करोड़   –   1.87 करोड़
संजय गुप्ता     –     68.78 लाख  –   2.86 करोड़
यतीश्वरानंद    –     7.19 लाख       –   56 लाख
दिलीप सिंह रावत –   98.01 लाख –     1.61 करोड़
हरीश धामी       –   41.75 लाख   –   3.60 करोड़
बंशीधर भगत     –   73.02 लाख   –  1.34 करोड़
गोविंद सिंह कुंजवाल-  1.07 करोड़   –  1.82 करोड़
अरविंद पांडेय    –     24.61 लाख  –   62.80 लाख
राजेश शुक्ला     –    26.63 लाख   –   26.97 करोड़
प्रेम सिंह          –    4.81 लाख        -17.03 लाख
पूरन सिंह फर्त्याल  –   1.86 करोड़     –  1.46 करोड़
राजकुमार ठुकराल  –   40.91 लाख   –   66.08 लाख
सुरेंद्र सिंह जीना      – 7.04 करोड़     –   10.52 करोड़
चंदन राम दास        – 33.40 लाख   –     49.62 लाख

 

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