केंद्र में काम नहीं करना चाहते हैं अधिकारी? कार्मिक मंत्रालय ने राज्यों से और नौकरशाह भेजने को कहा

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आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)
दिल्ली। केंद्र में काम करने के इच्छुक अधिकारियों की संख्या नगण्य बताते हुए कार्मिक मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुनिश्चित करने को कहा है कि करियर में आगे बढ़ने और प्रासंगिक अनुभव का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए जरूरी संख्या में नौकरशाह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए नामित किये जाएं।

मंत्रालय ने कहा है कि खासकर उप सचिव या निदेशक स्तर के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नुमाइंदगी ‘‘बहुत कम’’ है।

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में सभी राज्यों को केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत पदों और मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के पदों पर प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकारियों को भेजने को कहा था।

मंत्रालय ने एक पत्र में कहा है, ‘‘2019 के लिए आवेदन आमंत्रित करने के बाद से हालांकि छह महीने बीत चुके हैं, अब तक मिले नामांकन की संख्या ‘शून्य’ से नगण्य तक है। खासकर उपसचिव/निदेशक स्तर पर केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत विभिन्न कैडरों/सेवाओं से अधिकारियों का प्रतिनिधित्व बहुत कम होने के संबंध में ध्यान भी दिलाया गया है। ’’

इसलिए, आदेश में कहा गया है केंद्रीय कर्मचारी योजना के तहत उपसचिव/निदेशक/संयुक्त सचिव स्तर पर नियुक्ति के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों की सिफारिश का अनुरोध किया जाता है ताकि इसके लिए रिजर्व केंद्रीय प्रतिनियुक्ति/रिजर्व प्रतिनियुक्ति का इस्तेमाल किया जा सके।

आंकड़े के मुताबिक, पश्चिम बंगाल कैडर के आठ अधिकारी केंद्र में काम कर रहे हैं जबकि उनकी प्रतिनियुक्ति की संख्या 78 निर्धारित है ।

इसी तरह, उत्तर प्रदेश कैडर के 134 अधिकारियों की तुलना में केवल 44 अधिकारी काम कर रहे हैं। कर्नाटक के केवल 20 अधिकारी हैं जबकि संख्या 68 निर्धारित है।

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