जमीन के नाम पर हर दिन लुट रहे तीन लोग

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देहरादून। राजधानी देहरादून भूमाफिया के शिकंजे में है। यकीन न हो तो रेंज पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालिए। इनसे साफ हो रहा है कि यहां हर दो दिन में तीन लोग जमीन के नाम पर ठगे जा रहे हैं और जीवनभर की गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। थोड़ा सुकून देनी वाली बात यह कि बीते एक साल में पुलिस ने 40 जालसाजों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और 66 मामलों में मुकदमा दर्ज किया। मगर, देखना यह होगा कि नए साल में पुलिस की इस कार्रवाई से भूमाफिया और जालसाजों पर कितना अंकुश लगता है।

शिक्षा, स्वास्थ्य समेत मूलभूत सुविधाओं की सहूलियत के चलते तमाम लोगों का यह सपना होता है कि देहरादून में अपना घर हो। लोगों के इसी सपने को भूमाफिया ने अपना सबसे बड़ा हथियार बना रखा है। खरीददार मिलते ही वह ऐसा सब्जबाग दिखाते हैं कि सामने वाले को उसकी बात पर यकीन आ ही जाता है। हकीकत तब सामने आती है जब खरीददार जमीन पर काबिज होने जाता है तो कोई और भी उस जमीन का मालिक बनकर सामने आ खड़ा होता है। तब खरीददार को ठगे जाने का अहसास होता है और फिर शुरू होती है महीनों चलने वाली कोर्ट-कचहरी और पुलिस दफ्तर के चक्कर काटने का दौर।

गढ़वाल रेंज मुख्यालय में गठित विशेष जांच दल भूमि (एसआइटी) के पास ऐसी 514 शिकायतें पहुंचीं। वहीं, वर्ष 2017 की लंबित 78 शिकायतों को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 596 पहुंच जाता है। इसमें 460 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है, 136 की अभी जांच जारी है। इसमें से 66 जमीन फर्जीवाड़े में मुकदमा पंजीकृत हुआ, जिसमें 40 जालसाजों की गिरफ्तारी भी हुई। वहीं, 103 मामलों में दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया।

डीआइजी गढ़वाल रेंज अजय रौतेला ने बताया कि इस साल एसआइटी ने आपसी समझौते के आधार पर 11 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि लोगों को वापस दिलाई गई। वहीं, 2.7655 हेक्टेयर भूमि को वापस कराया गया। जल्द ही लोगों के जमीन बैनामा करने के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जाएगी, जिससे लोग ठगी के शिकार न हों।

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