सरकार चुनाव में व्यस्त, चार धाम यात्रा अधर में

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देहरादून। संवाददाता। भले ही उत्तराखण्ड में लोकसभा चुनाव पहले ही चरण में सम्पन्न हो चुका हो लेकिन राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा के नेताओं की ड्यूटी पार्टी ने दूसरे राज्यों के चुनाव प्रचार में लगा दी है। जिसके कारण राज्य में 15 दिन बाद शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियां प्रभावित हो रही है। भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व राज्य की सभी पांच सीटों पर चुनाव लड़ने वाले अपने प्रत्याशियों सहित एक दर्जन नेताओं को विभिन्न राज्यों में चुनावी ड्यूटी पर लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री इन दिनों राजस्थान दौरे पर है। पूर्व मुख्यमंत्री डा. निशंक और अजय की भी चुनावी ड्यूटी लगी है। इस ड्यूटी में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को भी लगाया गया है जबकि आगामी महीने में शुरू सप्ताह में ही राज्य की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। सरकारी तंत्र के चुनावी ड्यूटी पर होने का प्रभाव यात्रा की तैयारियों पर पड़ रहा है।

अभी तक राज्य सरकार और तमाम सरकारी अमला राज्य में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ था। 11 अपे्रैल का भले ही राज्य मे सभी पांच सीटों कें लिए मतदान सम्पन्न हो चुका है लेकिन अब सत्ताधारी दल के सभी बड़े नेताओं को भाजपा हाईकमान द्वारा देश के अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार में लगा दिया गया है। हाईकमान के आदेशों के सामने नेता भी मजबूर है। उधर चारधाम यात्रा की तैयारियां पिछड़ती जा रही है। जिन डेंजर जोन पर मरम्मत कार्य कराया जाना था तथा सड़कों के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाना था वह अभी तक शुरू नहीं हो सका है। वहीं इस साल हुई रिकार्ड बर्फबारी तथा मौसम की मार से भी चारधाम यात्रा तैयारियंा प्रभावित हो रही है। केदारनाथ के पैदल मार्ग पर 5कृ6 फीट बर्फ की दीवार बनी हुई है। 10 किलोमीटर मार्ग से इतनी मोटी परत को 15 दिन में कैसे हटाया जाये यह बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। वहीं गंगोत्री जाने का मार्ग भी बर्फ के कारण बंद पड़ा है। ठीक वैसे ही स्थिति जोशीमठ से आगे बद्रीनाथ मार्ग की है तथा बद्रीनाथ परिसर में भी बर्फ की मोटी चादर हैै। खस्ताहाल सड़कों पर यात्रियों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है। भले ही सरकार कुछ भी दावे करे लेकिन आधी अधूरी तैयारियों के बीच यदि चारधाम यात्रा शुरू होती है तो यह यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है।

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