ग्रीन बोनस के रूप में मिलने वाले धन का ग्रामीणों को लाभ मिलें

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड को आगामी चार सालों के लिए चार हजार करोड़ रूपये ग्रीन बोनस के रूप में स्वीकृत किया जाना प्रश्ांसा योग्य है। जंगलों व पर्यावरण को बचाने के लिए ग्रीन बोनस के रूप में मिलने वाले धन से सीधा लाभ यहां के ग्रामीणों को मिलेगा।

प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात आज पर्यावरणविदों जगत सिंह चौधरी ्जगंली, प्रो. विघा सिंह चौहान व डा. अरविंद दरमोड़ा द्वारा कही गयी। इस अवसर पर उन्होने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के लोग पर्यावरण व वनों के प्रति जागरूक है व उसकी रक्षा करते हुए आ रहे है। वनों पर दबाव न पड़े इसलिए सरकार को इसके लिए कुकिंग गैस की जनापयोगी नीति बनानी चाहिए व ग्रामीणों के प्रति परिवार को गैस कनेक्शन मुफ्त में देना चाहिए।

उन्होने कहा कि ग्रीन बोनस का लाभ गैस सिलेण्डर की रायल्टी के रूप में उपलब्ध कराया जाता है तो लोगों की निर्भरता जंगल से समाप्त हो जायेगी व जगलों का संरक्षण तथा सर्वधन हो सकेगा। उन्होने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड क्लाईमेट चैन्ज एक्शन प्लान का 80 प्रतिशत व्यय गाड गदेरों के संरक्षण तथा युवाओं के कौशल विकास पर खर्च किया जाये तथा ग्रीन बोनस के संचालन के लिए एक राज्य स्तरीय एंव जिला स्तरीय हाईपावर कमेटी का गठन किया जाये जिसमें अकादमिक, शोध संस्थान तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाये।

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