आशा कार्यकर्ताओं ने नई पेंशन नीति को लेकर सरकार को घेरा

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने नई पेंशन नीति और आउट सोर्सिंग भर्ती को लेकर परेड ग्राउंड धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की।

धरना स्थल पर अखिल भारतीय उप महासचिव गोविंद सिंह नेगी ने कहा कि कर्मचारियों की आठ सूत्रीय मांगों को पूरी तरह से नजर अंदाज किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें इस मुद्दे पर चुप बैठी हैं। उन्होंने कहा कि महासंघ अपनी मांगों को लेकर 21 दिसंबर को सभी राज्यों की राजधानी में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

चतुर्थ श्रेणी वर्गीय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री बनवारी सिंह रावत ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी समूह घ कर्मचारियों की सीधी भर्ती के आदेश दिए जाएं। भर्ती पर से प्रतिबंध उठाया जाए। साथ ही संविदा और आउट सोर्सिंग पर नियुक्ति को तत्काल बंद किया जाए।

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग की ओर से प्रस्तावित न्यनूतम वेनत में इजाफा किया जाए। नई पेंशन नीति को समाप्त कर पुरानी पेंशन नीति बहाल की जाए। महासंघ ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आयकर के दायरे से मुक्त रखा जाए।

महासंघ ने जोर देकर कहा कि आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी इत्यादि कार्यकत्रियों को संविदा से हटाकर राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। कर्मचारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं होता है तो वह अपना आंदोलन तेज कर देंगे। प्रदर्शन के दौरान जिला मंत्री केके शुक्ला, जयकृत कठैत, विशन नेगी, मनवर सिंह, प्रेम कंडारी, नंद किशोर, चंद्र मोहन, बंशी जोशी, शंकर उनियाल, मनमोहन सिंह नेगी, बचन सिंह, प्रमोद आदि मौजूद रहे।

 

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