औली गेम्स से मिलेगा विंटर ओलंपिक में फायदा

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देहरादून। संवाददाता। विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष एवं आइटीबीपी के सेवानिवृत्त डीआइजी एसपी चमोली ने कहा कि चमोली जिले के औली में आगामी 15 से 21 जनवरी तक आयोजित होने वाली फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग रेस की तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। इस प्रतियोगिता में प्रदर्शन के आधार पर ही फरवरी में दक्षिण कोरिया में आयोजित होने वाले विंटर ओलंपिक के लिए प्रतिभागी क्वालीफाई कर पाएंगे। बताया कि इंटरनेशनल रेसेस के साथ ही राष्ट्रीय जूनियर व सीनियर स्कीइंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके लिए समितियों के गठन के साथ ही बजट भी स्वीकृत हो चुका है।

मसूरी-कैंपटी रोड पर हिमालयन एडवेंचर इंस्टीट्यूट में श्दैनिक जागरणश् से बातचीत में चमोली ने बताया कि औली में प्रतियोगिता के तहत स्कीइंग की स्लालम रेस, जाइंट स्लालम, सुपर जाइंट स्लालम रेस और नेशनल स्की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। बताया कि औली की प्राकृतिक ढलानें पहली बार 1978 में तब नजरों में आईं, जब तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के पर्वतीय विकास मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी केंद्रीय पर्यटन मंत्री के साथ औली स्थित आइटीबीपी परिसर आए थे। वे औली की खूबसूरत ढलानों से बेहद प्रभावित हुए थे। तब से आज तक यहां तमाम विकास कार्य हो चुके हैं और यदि समय से हिमपात ना भी हो तो कृत्रिम बर्फ बनाने के संयत्र भी यहां स्थापित किए जा चुके हैं।

चमोली ने बताया कि उत्तराखंड में खूबसूरत प्राकृतिक ढलाने हैं, जिन पर सर्दियों में स्कीइंग प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जा सकती हैं। लेकिन, पहले इन्हें विकसित किया जाना जरूरी है। खासकर यातायात और आधारभूत सुविधाएं यहां विकसित करनी होंगी। साथ ही व्यापक स्तर पर इनका प्रचार-प्रसार भी करना होगा। बताया कि उत्तराखंड में औली की तरह कम से कम एक दर्जन प्राकृतिक ढलाने हैं। इनमें दयारा बुग्याल, यमुनोत्री व केदारनाथ के ऊपर स्थित बुग्याल प्रमुख हैं। हिमाचल प्रदेश इस मामले में उत्तराखंड से बहुत आगे है। वहां हेली स्कीइंग सुविधा भी प्रदान की गई है। हमें भी अगर विंटर गेम्स को और लोकप्रिय बनाना है तो औली में हेली सेवाएं विकसित करना नितांत जरूरी है।

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