उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी गैरसैण, मुख्यमंत्री का सपष्ट संकेत; सार्वजनिक घोषणा की औपचरिकता शेष

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  • भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर के निर्माणाधीन कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया जाएगा।
  • सरकार इस मामले में पूरी तरह गंभीरता से काम करेगी।
  • पानी की कमी को देखते हुए सरकार ने गैरसैंण में झील के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है।
  • बरसाती पानी से भी झील के स्वरूप को विस्तारित किया जाएगा।

गैरसैण (चमोली) : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि गैरसैंण राजधानी मामले पर सरकार पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। इसलिए सरकार अपने संकल्प के तहत गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने जा रही है। भराड़ीसैंण में गैरसैंण राजधानी मामले में पूछे गए सवाल के जवाब में रावत ने कहा कि गैरसैंण पर सरकार पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। इसीलिए शीतकाल में भी यहां विधानसभा का सत्र संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विरोधी दलों ने गैरसैंण में शीतकालीन सत्र का विरोध किया है। इसके बावजूद आम लोगों तथा आंदोलनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार यहां सत्र का आयोजन कर रही है। यह गैरसैंण के प्रति सरकार की मंशा को स्पष्ट करने के लिए काफी है।

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा गैरसैंण पर बहुत साफ है। ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के भाजपा सरकार के संकल्प पर इशारा करते हुए उन्होने कहा कि समझदार को इशारा ही काफी है। यह पूछे जाने पर कि ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा कब सार्वजनिक होगी। इस सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि सरकार की जब मंशा साफ है तो इस पर अब किंतु परंतु नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में सरकार गंभीर है। भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यहां निर्माणाधीन कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया जाएगा। सरकार इस मामले में पूरी तरह गंभीरता से काम करेगी। पानी की कमी को देखते हुए सरकार ने गैरसैंण में झील के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। यह पूछे जाने पर कि राम गंगा पर जब पानी ही कम है तो फिर झील कैसे बनेगी। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बरसाती पानी से भी झील के स्वरूप को विस्तारित किया जाएगा।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में होम स्टे योजना के बारे में सीएम ने कहा कि पूरे राज्य में इस योजना को बढ़ाया जा रहा है। इससे ही लोगों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति सुदृढ़ होगी। एनजीटी द्वारा भराड़ीसैंण मामले में आपत्ति लगाए जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि एनजीटी भी एक संवैधानिक संस्था है। इसलिए तकनीकी अड़चन लगाना उसका दायित्व भी है। सरकार भविष्य में एनजीटी द्वारा सुझाए गए मामलों को गंभीरता से लेगी। इसके बावजूद विधानसभा परिसर निर्माण की प्रक्रिया पूरी तरह जारी रहेगी। कहा कि भराड़ीसैंण विधान सभा परिसर का भव्य निर्माण सरकार की गंभीरता का साफ संकेत है। विधानसभा सत्र के निर्धारित अवधि 13 दिसंवर तक चलने के बारे में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से यहां तय समय तक सत्र चलाएगी। इसमें भी कई मसलों का इस बीच समाधान करने का निर्णय लिया जाएगा।

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