अल्मोड़ा में जिलाधिकारी ने की कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान की शुरूआत की।

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कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। कोसी नदी से लगभग 350 गांव व 190 सबसेक्टर जुडे है, साथ ही लगभग 25 छोटीछोटी नदियां इसमें मिलती है। कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिये उसके उद्गम स्थल पिनाकेश्वर(काटली) से करनी होगी जागरूकता अभियान की शुरूआत।

अल्मोड़ा (संवाददाता) : बीते सोमवार को अल्मोड़ा की जिलाधिकारी श्रीमती इवा आशीष श्रीवास्तव ने ग्रामीण तकनीकी संस्थान परिसर कोसी में कोसी नदी पुनर्जीवीकरण अभियान की शुरूआत की। नदियों का जलस्तर कम होना एक चिंताजनक विषय है, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य की रिस्पना व कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के अभियान की शुरूआत की गई है।

जिलाधिकारी ने कहा कि अल्मोड़ा में प्रतिष्ठित हिमालयन पर्यावरण संस्थान व विवेकानन्द कृषि अनुसंधान है। इन संस्थानों का सहयोग कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए मिलता रहा है। कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। कोसी नदी से लगभग 350 गांव व 190 सबसेक्टर जुडे है, साथ ही लगभग 25 छोटीछोटी नदियां इसमें मिलती है।

इस अवसर पर आमजन को नदी को पुनर्जीवित करने की शपथ भी दिलाई गयी, साथ ही नदी के किनारे सफाई अभियान चलाया गया। इस अवसर पर हिमालयन पर्यावरण संस्थान के निदेशक श्री किरीट कुमार ने कहा कि कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिये हमें उसके उद्गम स्थल पिनाकेश्वर(काटली) से जागरूकता अभियान की शुरूआत करनी होगी।

उन्होंने इस अभियान को एक मिशन के रूप में चलाने की बात कही। हिमालयन पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक श्री डी.एस.रावत नेे कहा कि हमें लोगों को जागरूक करने के साथ ही कोसी नदी की सफाई पर भी विशेष ध्यान देना होगा।

इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख हवालबाग सूरज सिराड़ी, वनाधिकारी सिविल सोयम आर0सी0 शर्मा, ग्राम प्रधान मटेला संजय बिष्ट, दाड़ीमखोला के देवेन्द्र नयाल, प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के अधिशासी अभियन्ता के0सी0 आर्या ने अपने विचार रखे। मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को नदियों के पुर्नर्जीवीकरण के लिये जागरूक करना होगा।

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