वनंतरा रिसार्ट पहुंचे पुलकित के पिता विनोद आर्या, मीडिया को देख हुए रफूचक्कर

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ऋषिकेश: वनंतरा रिसार्ट प्रकरण के मुख्य आरोपित पुलकित आर्या के पिता पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्या बुधवार को एक महिला और तीन अन्य व्यक्तियों के साथ गंगा भोगपुर स्थित अपने रिसार्ट और कैंडी फैक्ट्री पहुंचे। काफी देर तक अंदर समय बिताने के बाद वह मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना वहां से चले गए।

वनंतरा रिसार्ट प्रकरण के मुख्य आरोपित पुलकित की गंगा भोगपुर स्थित कैंडी फैक्ट्री और वनंतरा रिसोर्ट घटना के बाद से पुलिस की सुरक्षा में है। 24 घंटे पुलिस और पीएससी रिसार्ट और फैक्टरी की निगरानी कर रही है। केस भी कोर्ट में विचाराधीन है। इस बीच बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे पुलकित के पिता विनोद आर्या अपनी फैक्ट्री और रिसोर्ट पहुंचे। अपने साथ एक महिला व अन्य तीन लोग भी थे। उसके बाद वह फैक्ट्री और रिसार्ट के अंदर चले गए।

रिसार्ट में मौजूद पुलिस ने विनोद आर्या को अंदर जाने से नहीं रोका। जबकि विनोद आर्या के पास फैक्ट्री और रिसोर्ट में अंदर जाने की किसी भी प्रकार प्रपत्र मौके पर नहीं थे। मीडिया के पहुंचने की सूचना जैसे ही विनोद आर्या को मिली वह आनन-फानन में फैक्ट्री से बाहर मुंह पर रुमाल बांधकर निकलते हुए दिखाई दिए। मीडिया ने जब उनसे फैक्ट्री और रिसार्ट के अंदर छानबीन करने के मामले में सवाल किए तो वह मीडिया के सवालों से बचते हुए नजर आए। वह बिना जवाब दिए ही अपनी कार में बैठे और रिसार्ट से निकल गए।

एसआइटी ने नहीं किया था सील
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि स्वदेशी आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक पुलकित की पत्नी सुनीता आर्या की ओर से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पौड़ी गढ़वाल के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। जिसमें उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर को संबंधित मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।

वह फैक्ट्री परिसर को पुलिस की अभिरक्षा से मुक्त कराना चाहती है। न्यायालय ने इस मामले में एसआइटी के विवेचक से आख्या मांगी। आख्या में बताया गया कि 16 दिसंबर को इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। फैक्ट्री परिसर को सील नहीं किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से वहां पर फोर्स तैनात किया गया है।

16 जनवरी के अपने आदेश में न्यायाधीश भावना पांडे ने इस मामले में आदेश दिया है कि विवेचक की आख्या अनुसार न्यायालय को यह परिसर अवमुक्त करने में कोई आपत्ति नहीं है।

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