सांस के मरीजों को ‘बेदम’ कर रहा प्रदूषण, इमरजेंसी और ओपीडी में बढ़े मरीज

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दीपावली पर जबरदस्त आतिशबाजी के बाद तीर्थनगरी ऋषिकेश में खतरनाक स्तर तक बढ़े प्रदूषण के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की संख्या में 20 फीसदी और ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 25 फीसदी की बढोतरी हुई है। अधिकांश मरीज सांस लेने में तकलीफ, सीने में जलन, खांसी आदि की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।

शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर अमर उजाला ने खबर के माध्यम से तीर्थनगरीवासियों को चेताया था। दीपावली के दिन ऋषिकेश में एक्यूआई 257 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। प्रदूषण के चलते फेफड़ों से संबंधित रोगों के मरीजों, बच्चों और बूढों को तकलीफ झेलनी पड़ रही है।

सोमवार को एसपीएस राजकीय अस्पताल की ओपीडी में 504 और इमरजेंसी में 52 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इमरजेंसी में आने वाले अधिकांश मरीज पहले से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्किइक्टेसिस, टीबी आदि बीमारियों से ग्रस्त थे। इन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वहीं फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में काफी भीड़ थी। अधिकांश बीमार वृद्ध और बच्चों को सांस लेने में परेशानी, छाती में जलन, खांसी, जुकाम, गले में दर्द और आंखों में दर्द और जलन की शिकायत थी।

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