सात फेरों पर भी कोरोना का साया, 25 लोगों की अनुमति बनी मुसीबत, सैकड़ों शादियां स्थगित

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कोरोन संक्रमण के चलते सात फेरे लेकर नई जिंदगी की शुरुआत करने वालों का सपना भी अधूरा रह गया है। वेडिंग फार्म संचालकों, बैंड पार्टी और कैटर्स के अनुसार राजधानी देहरादून में सैकड़ों शादियां स्थगित की जा चुकी हैं।

शादी की तैयारियों में जुटे परिवारों का कहना है कि तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने से सबकुछ रद्द करना पड़ रहा है। एक ओर से शादी स्थगित होने से मायूसी हाथ लग रही है, वहीं वेडिंग फार्म संचालकों, बैंड पार्टी और कैटर्स को दिया एडवांस वापस न मिलने से आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।अप्रैल, मई और जून में 25 शादियों का आयोजन होना था। वर-वधू पक्ष की ओर से बुकिंग भी करा दी गई। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद लोगों ने कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। इसके चलते आर्थिक संकट आना तय है। वैवाहिक कार्यक्रमों के निरस्त होने से इसका सीधा असर वेडिंग फॉर्म से जुड़े लोगों की आजीविका पर पड़ा है।वैवाहिक धार्मिक कर्मकांड कराने वाले पुरोहित विष्णु प्रसाद भट्ट ने बताया कि अप्रैल, मई और जून में शादी की कई तिथियां थीं। सिर्फ मई में ही आठ, 10, 12, 14, 17, 18, 23, 24. 27, 28 को शादी की तिथियां थीं। इनमें से ज्यादातर परिवारों ने शादियां स्थगित कर दी हैं। पंडित टीकाराम शास्त्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में लोग वैवाहिक आयोजन स्थिगित करा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते वैवाहिक कार्यक्रमों में सिर्फ 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई है। ऐसे में वर-वधू पक्ष के सामने सामाजिक संकट खड़ा हो गया है। कुछ परिवारों ने आयोजन टाल दिया है, लेकिन कुछ लोग जैसे-तैसे निपटा रहे हैं। ऐसे में दोनों ही पक्ष को आमंत्रित किए गए मेहमानों को फोन करके मना करना पड़ रहा है।

पार्क रोड निवासी राजेश गुप्ता के अनुसार उनकी बेटी की शादी रविवार को थी। उन्होंने शादी की तैयारियां भी पूरी कर ली थीं। काफी पहले 800 लोगों को निमंत्रण पत्र भेजे थे। टर्नर रोड पर वेडिंग फार्म हाउस बुक करने के साथ ही बैंड पार्टी, आतिशबाजी, कैटरिंग सबकी बुकिंग भी कर दी। इतना सब कुछ होने के बाद अब उनके सारे अरमानों पर पानी फिर गया।

वैवाहिक कार्यक्रमों में सिर्फ 25 लोगों की अनुमति से केवल परिवार के सदस्यों के साथ ही वर पक्ष के कुछ चुनिंदा लोग ही शामिल हुए। इसके पहले तमाम रिश्तेदारों, मित्रों को दोबारा फोन करके शादी में आने का अनुरोध करना पड़ा। वहीं वेडिंग फार्म हाउस संचालक ने 800 लोगों के भोजन का पैसा नहीं लिया। जबकि फार्म हाउस का पूरा किराया देना पड़ा। बैंड पार्टी और आतिशबाजी की बुकिंग का बयाना नहीं मिल पाया है।

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