हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में कोहरे का अलर्ट, मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप

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कोहरादेहरादून। मौसम विभाग ने आज हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में कोहरे का अलर्ट जारी किया है। साथ ही मैदानी इलाकों में शीतलहर चल सकती है। देहरादून में आंशिक बादल आ सकते हैं। वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज दून में सुबह कोहरा छाया रहा। कोहरा छटा तो बादल छा गए। जिस कारण ठंड काफी बढ़ गई है।
मंगलवार को राजधानी सहित मैदानी इलाकों में सुबह की शुरुआत घने कोहरे से हुई। राजधानी में सुबह दस बजे तक दस डिग्री तापमान रहा। हालांकि दून में तो धूप खिलने से ठंड से कुछ राहत मिली लेकिन हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में कोहरा मुसीबत बना रहा।

राजधानी में दिन का अधिकतम तापमान 21.7 डिग्री रहा जबकि रात का न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही शीतलहर भी चलेगी। हालांकि देहरादून में आंशिक बादल आ सकते हैं। मौसम विभाग ने फिलहाल कहीं भी बारिश या बर्फबारी का अनुमान नहीं जताया है।

बर्फबारी से पॉलीहाउस टूटा, फसल बर्बाद
गोपेश्वर में पिछले दिनों जिले में हुई भारी बर्फबारी से कई काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के पॉलीहाउस टूट गए हैं, जिससे उनकी आजीविका पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। हाल में हुई बारिश और बर्फबारी से जहां मौसमी फसल को काफी लाभ हुआ है वहीं पॉली हाउस वाले काश्तकारों को इसका नुकसान हुआ है।

देव खड़ोरा (डंगी) निवासी काश्तकार धीरज सिंह बिष्ट के 400 वर्गमीटर में बने दो पॉली हाउस पूरी तरह से टूटकर जमीन पर बिछ गए हैं। उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने कहा है कि उनके पॉली हाउस को अभी एक साल भी नहीं हुआ है।

उद्यान विभाग की ओर से बनाए गए पॉली हाउस के लिए उन्होंने कृषक अंश के रूप में 97 हजार रुपये भी दिए थे। इससे एक बार फसल तैयार हो गई थी, इस बार उन्होंने कई तरह की सब्जियां पॉली हाउस में बो रखी हैं, लेकिन पॉली हाउस टूटने से सारी फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने डीएम से पॉली हाउस के पुनः निर्माण की गुहार लगाई है। ब्यूरो

जड़ी-बूटी शोध संस्थान की पौध को भी हुआ नुकसान

बारिश और बर्फबारी के चलते मंडल स्थित जड़ी बूटी शोध संस्थान की नर्सरी को भारी नुकसान हुआ है। संस्थान की नर्सरी में औषधीय पौधे तैयार किए जाते हैं, इस बार तैयार की जा रही पौध को बर्फबारी ने काफी नुकसान पहुंचाया है।

बर्फबारी से उत्तरकाशी में जनजीवन अस्तव्यस्त
बीते दिन भारी बारिश एवं बर्फबारी के चलते जिले में अस्त व्यस्त हुआ जनजीवन दो दिनों से मौसम खुलने पर पटरी पर लौटने लगा है। हालांकि बर्फ की आगोश में कैद करीब दो दर्जन गांवों में यातायात, विद्युत, पेयजल आदि व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त नहीं होने के कारण ग्रामीणों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। संबंधित विभाग बर्फबारी से ध्वस्त हुई व्यवस्थाओं का चाक चैबंद करने में जुटे हैं।

बता दें कि जिले में विगत बुधवार देर रात से लेकर शुक्रवार तक हुई भारी बारिश व बर्फबारी से जनपद के करीब चार दर्जन से अधिक गांवों में बुनियादी व्यवस्थाएं प्रभावित हो गई थीं। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अभी जसपुर-पुराली, पयारा-झाला, हर्षिल-मुखबा, कमद-अयारखाल, कुवां-कफनौल व कुनसाला-कुपड़ा मोटर मार्ग पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। गंगोत्री हाईवे भैरोंघाटी से गंगोत्री तक बर्फ से पटा हुआ है।

भटवाड़ी प्रखंड के नाल्ड, नौगांव, सुक्की, पुजेली, जसपुर, झाला, हर्षिल व गंगोत्री धाम, पुरोला ब्लॉक के गौल, पौंटी, छानिका, किमडार व कफनौल तथा मोरी ब्लॉक के लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कासला, रेक्चा व तुनाल्का आदि गांवों में अभी तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है, जबकि जिले के कफनौल, लोदन, जानकीचट्टी, बनास, निषणी, कुपड़ा, नारायणपुरी, कुठारगांव सहित एक दर्जन गांवों में दो दिन बाद भी पेयजल आपूर्ति बाधित रही। अधिकारियों के अनुसार सोमवार तक सभी प्रभावित क्षेत्रों में यातायात, विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।

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