मौसम में गर्माहट आने के साथ परिंदें अपने देश वापस लौटने लगे है

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देहरादून।    मौसम में गर्माहट आने के साथ ही कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में प्रवास पर आए परिंदों के अपने मूल स्थानों की ओर लौटने का क्रम शुरू हो गया है। इसके चलते उत्तराखंड के मेहमान बने 79 प्रजातियों के 6170 परिंदों की संख्या घटकर अब पांच हजार रह गई है। आसन नमभूमि में विदेशी परिंदों का प्रवास अक्टूबर से अप्रैल प्रथम सप्ताह तक रहता है। इसके बाद ये अपने-अपने गंतव्यों की ओर कूच कर जाते हैं।

देहरादून में स्थित कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदों की विधिवत गणना के बाद विशेषज्ञों ने इनकी संख्या 6170 आंकी थी, लेकिन अपने वतन वापस लौटने का क्रम शुरू होने के बाद अब इनकी पांच हजार के आसपास रह गई है। मूल स्थानों को परिंदों की उड़ान शुरू होने पर आसन झील में इनका कलरव भी कम हो गया है। आसन नमभूमि क्षेत्र में विदेश से प्रवास पर आने वाले परिंदों को कलकल बहती यमुना, समीपवर्ती पहाड़ियों से फूटते झरने, हरियाली से लकदक पहाड़, नमभूमि क्षेत्र में घास और झाड़ियों के झुरमुट, मड टापू और शांत वातावरण बेहद भाते हैं। यही वजह है कि यहां हर साल इनकी संख्या में इजाफा होता जा रहा है।

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