दून जिलाधिकारी ने की किसानों के कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा

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देहरादून। संवाददाता। विकासभवन सभागार में जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी, ऑफ इण्डिया लिमिटेड (ए.आई.सी) द्वारा क्रियान्वित तथा कृषि, विभाग, सहकारिता, सी.एस.सी (सामान्य सेवा केन्द्र) और बैंक के सहयोग से संचालित प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना खरीफ सीजन-2019 की समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए किसानों के कल्याण के लिए किये जा सकने वाले विभिन्न प्रयासों पर चर्चा की गयी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों और संस्थाओं के अधिकारियों से किसानों को फसल बीमा करवाने हेतु प्रेरित करने के प्रयासों, इसके लिए क्षेत्र में किये गये सेंसेटाइज वर्कशॉप, बिमित किसान और बिमित धनराशि इत्यादि का विवरण पूछा। सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा आंकड़े प्रस्तुति के उपरान्त जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों को बीमा योजना से जोड़ने की प्रगति उस दिशा तक संतोषजनक नही है, जितनी होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कीम में पहले से सम्मिलित और जागरूक किसान ही हर स्कीम का लाभ ले पा रहा है और नये किसान उस सीमा तक नही जड़ पा रहे हैं, जितने जुड़ जाने चाहिए थे। उन्होंने नये किसानों को फसल बीमा और लोनिंग स्कीम से जोड़ने पर जोर देने के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये। विकासखण्ड स्तर के सी.एस.एसी केन्द्रों के प्रभारियों ने बैठक में कहा कि कम्पनी से प्रॉपर डाटा उनकों नहीं मिल पा रहा है तथा कुछ डाक्यूमेन्ट अधूरे भी पाये जाते हैं। उन्होंने अवगत कराया कि जनपद में 400 से अधिक सीएससी (सामान्य सेवा केन्द्र) कार्यरत् है, जिसमें, अकेले ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से 250 तक कार्यरत हैं।

जिलाधिकारी ने कृर्षि, बागवानी, बैंक, सहकारिता, बीमा कम्पनी और सीएससी केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी आपसी समन्वय से तथा अपने-2 स्तर पर बेहतर प्रयास करें तथा रोस्टर बनाते हुए विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता व बीमा कैम्प कार्यक्रम आयोजित करें और अब-तक बीमा और लोनिंग लाभ से वंचित किसानों को फोकस करते हुए उनको बीमा करवाने को प्रेरित करें। इसके लिए उन्होंने अधीनस्थों की विकासखण्ड स्तर पर समन्वय बैठक करवाने तथा उनके कार्यों के बराबर निगरानी करते हुए प्रगति बढाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने सभी को निर्देश दिये कि सम्बन्धित विभाग जो भी डेटा आपस में शेयर करें, उसको तेजी से शेयर करें और कोशिश करें कि डेटा पूर्ण हो और करैक्ट हो। उन्होंने फसल का ठीक से अवलोकन/सर्वे करते हुए उचित धनराशि का तत्काल भुगतान करवाने और लोनिंग की प्रक्रिया में इस बात को ध्यान रखने की बात कही कि जिस फसल के लोन के लिए आवेदन किया जा रहा है, उसी में पैसा खर्च हो।

उन्होंने बैंको को भी स्कीम के तहत् मुआवजा और लोनिंग विवरण की धनराशि में तेजी और परिपक्वता से कार्य करने के निर्देश दिये।
एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी और इण्डिया लिमिटेड के क्षेत्रीय अधिकारी मनीश गोयल और मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी द्वारा इससे पूर्व प्रेजेन्टेशन के माध्यम से फसल बीमा योजना, लोनिंग व मुआवजा प्रक्रिया के साथ ही बीमा करने की औपचारिकताओं, विभिन्न प्रकार की फसलों का वर्गीकरण और उसी प्रकार उनकी मुआवजा धनराशि तथा उसके मानक इत्यादि के बारे में सदन को विस्तार से प्रजेन्टेशन के माध्यम से अवगत कराया।

एआईसी कम्पनी के क्षेत्रीय अधिकारी ने अवगत कराया कि जिन कृषक भाईयों ने ऋण नही लिया है और ससूचित फसल के लिए ऋण लेना चाहते है वे निकटतम शाखा सहकारी समिति (जहां उनका बचत खाता है), सामान्य सेवा केन्द्र (सीएससी), एग्रीकल्चर, इंश्योरेंश कम्पनी ऑफ इण्डिया लि0(एआईसी) के कार्यालय/प्रतिनिधि के पास आवश्यक औपचारिकताओं सहित 15 जुलाई 2019 तक जमा करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की औपचारिकता पूरी करने अथवा कोई जानकारी चाहने के लिए दूरभाष न0 9927511072, 9997993567, टोलफ्री 1800116515 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फसल की विभिन्न प्रकार की क्षति की सूचना 72 घण्टे की अवधि के भीतर उपरोक्त दूरभाष पर कॉल अथवा वाट्टसएप्प द्वारा भी निर्गत की जा सकती है। सूचना देने के दौरान कुछ जरूरी विवरण देना भी जरूरी है जैसे- अपना नाम, पिता का नाम, मोबाईल न0, पता, बीमा किस बैंक में किया है तथा किस फसल का तथा किस कारण नुकसान हुआ है इत्यादि। उन्होंने कहा कि क्षति का मूल्यांकन क्षेत्र आधारित फसल पैदावार, बुआई न हो पाने की स्थिति में फसल अवधि में नुकसान होने पर, स्थानीय आपदाओं से क्षति और फसल कटाई के उपरान्त खेत में फसल नुकसान(फसल कटने के 14 दिन की अवधि के भीतर मानक.) इत्यादि के आधार पर क्षति का मूल्यांकन किया जाता है। उन्होंने कहा कि सूचना के उपरान्त सर्वे के आधार पर मुआवजा धनराशि वितरित की जाती है।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल, मुख्य उद्यान अधिकारी संजय श्रीवास्तव, लीड बैंक अधिकारी, सहायक निबन्धक सहकारिता समिति सुभाष चन्द्र गहतूड़ी सहित सम्बन्धित अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।

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