सीपीयू मारपीट प्रकरण में पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

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देहरादून। संवाददाता। सीपीयू द्वारा किये गये मारपीट प्रकरण पर जांच के बाद भी अब तक कार्यवाही न होना यह दर्शाने के लिए काफी है कि जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’। या फिर पुलिस पर इस मामले में किसी तरह का कोई दबाव बनाया जा रहा है?

प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात आज मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र सिंह आनन्द ने कही। उन्होने कहा कि 3 जून को सीपीयू उपनिरीक्षक शैलेन्द्र सिंह नेगी एंव उनके साथी कुलदीप सैनी द्वारा उनके साथ अभद्रता व मारपीट की गयी थी तथा उनकी जेब में हाथ डालकर उनसे लूट खसोट की भी कोशिश की गयी। बताया कि यह सारा प्रकरण सीसी टीवी कैमरे मे कैद होने के बाद वायरल भी हो गया।

बताया कि मामले में डीजी ला एंड आर्डर अशोक कुमार को प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होने जांच एसपी टै्रफिक को सौंपी। जिस पर जांच पूरी हो जाने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जबकि वह इस संम्बन्ध में कप्तान से भी मिल चुके है। उन्होने कहा कि पुलिस के खिलाफ कार्यवाही से पुलिस की कतरा रही है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि आरोपियों को बचाया जा रहा है और पुलिस दोषियों को संरक्षण दे रही है। उन्होने कहा कि उन पर राजनीतिक लोगों द्वारा मामले के निपटाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं पुलिस पर भी इसी तरह का कोई दबाव हो। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस मामले में कार्यवाही में देरी हुई तो वह उग्र आन्दोलन के लिए विवश होगें। प्रेस वार्ता में भाजपा नेत्री बबीता सहोत्रा, पार्षद मोंटी कोहली, योगेश योगी, राजीव सच्चर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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