उत्तराखंड; सत्र में नहीं पूछ पाएंगे विधायक बहुत ज्यादा सवाल

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देहरादून। आगामी 24 जून से आरंभ होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सदस्यों को बहुत अधिक प्रश्न न पूछ पाने का मलाल रहेगा। दरअसल, दो दिन के इस छोटे से सत्र में एक ही दिन प्रश्नकाल चलने की संभावना है। गौर करने वाली बात यह है कि सत्र की राह देख रहे सदस्य अब तक 721 प्रश्न लगा चुके हैं। प्रश्नों की इस बाढ़ साफ मतलब है कि विधायक सत्र के बहाने अपने क्षेत्र की समस्याओं और मुद्दों को सरकार के सामने लाने को बेताब हैं।

पहली बार सदस्य बने सत्तापक्ष के विधायक देशराज कर्णवाल की मानें तो उन्होंने करीब 300 प्रश्न व अन्य सूचनाएं लगाई हैं। अब तक हुए सभी सत्रों के दौरान सर्वाधिक प्रश्न और याचिकाएं लगाने के मामले में कर्णवाल चर्चाओं में रहे हैं। हालांकि संक्षिप्त सत्र को लेकर कर्णवाल ने कोई टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन इतना जरूर कहा कि दो दिन के सत्र में उन्हें कुछ सवाल तो पूछने का अवसर मिलेगा ही। भीमताल के निर्दलीय विधायक रामसिंह कैड़ा ने भी इस बार 200 से अधिक प्रश्न और सूचनाएं लगाई हैं। कैड़ा का कहना है कि सत्र की अवधि अधिक होती तो उन जैसे अन्य सदस्यों को अपने क्षेत्र के मसले उठाने का कुछ और अवसर मिलता। लेकिन जितना भी अवसर मिलेगा, उनकी कोशिश रहेगी कि वे अपने क्षेत्र से जुड़े ज्यादा से ज्यादा मुद्दों को सरकार के संज्ञान में लाएं।

ऐसे संकेत हैं कि दो दिन के इस सत्र में पहले दिन संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत के निधन पर शोक प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके चलते ये संभावना है कि पहले दिन प्रश्नकाल न हो। सोमवार से सत्र आरंभ हो रहा है और ये दिन मुख्यमंत्री से जुड़े विभागों का होता है। सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र कहते हैं,‘सदन की कार्यवाही का एजेंडा क्या होगा, ये कार्यमंत्रणा समिति को तय करना है।’ सूत्रों के मुताबिक, इस बात की प्रबल संभावना है कि पहले दिन प्रश्नकाल नहीं होगा। सत्र की अवधि सरकार के कामकाज पर भी निर्भर करेगी। माना जा रहा है कि सरकार के पास बहुत अधिक काम नहीं है। इस लिहाज से सत्र की अवधि दो दिन से आगे बढ़ेगी, इसकी संभावना नहीं है। ऐसे में कई विधायकों को सवाल पूछने का अवसर प्राप्त न हो पाने का भी मलाल हो सकता है।

अभी तक कुल 109 तारांकित, 606 अतारांकित व छह अल्प सूचित प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। याचिकाएं भी प्राप्त हुई हैं, जिसमें विधानसभा की नियम समिति प्रावधान के अनुसार सत्र के प्रत्येक दिन एक विधायक की तीन ही याचिकाएं स्वीकृत की जाएंगी।
– प्रेमचंद अग्रवाल, अध्यक्ष, विधानसभा

विधानसभा सत्र में कड़ा रहेगा सुरक्षा घेरा
24 जून से आरंभ हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पुलिस और विधानसभा के सुरक्षा अधिकारियों को ताकीद किया है कि सुरक्षा में किसी भी तरह की ढील नहीं होनी चाहिए। वे शनिवार को विधानमंडल भवन में सत्र के दौरान सुरक्षा और विभागीय प्रबंधों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में साफ किया गया है कि कोई बड़ा अधिकारी हो या छोटा, प्रवेश द्वार पर सबको चेकिंग करानी होगी। विधानसभा में आने के लिए प्रवेश पत्र दिखाना अनिवार्य होगा।

बैठक में अवगत कराया गया कि विधानसभा परिसर के अंदर एवं सभा मंडप के लिए प्रवेश पत्र जारी करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। वाहनों की पार्किंग के लिए भी स्थान चिह्नित किए गए हैं। स्पीकर ने निर्देश दिए कि वाहनों की पार्किंग की सही व्यवस्था हो और सत्र के दौरान आम नागरिकों को किसी भी तरह परेशानी नहीं होनी चाहिए। बैठक में अग्निशमन, चिकित्सा, एंबुलेंस, बिजली व पानी की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में सचिव विस जगदीश चंद्र, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रभारी सचिव गृह आशीष जोशी, एडीजे इंटेलिजेंस विनय कुमार, एडीजी अशोक कुमार, जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन, आईजी गढ़वाल अजय रौतेला, एसएसपी निवेदिता कुकरेती, अपर निदेशक सूचना डॉ.अनिल चंदोला, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बीवी रमोला, राज्य संपत्ति अधिकारी बंशीधर तिवारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

सभा मंडप का मुआयना किया
बैठक से फारिग होने के बाद स्पीकर ने विधानसभा परिसर एवं सभा मंडप का मुआयना किया और सत्र की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सभा मंडप में माइक साउंड और विधायकों के बैठने की व्यवस्था को देखा और सचिव विधानसभा को इंतजाम दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

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