ऋषिकेश; लक्ष्मण झूला पर आवाजाही बंद होने पर बवाल, रोक के बाद भी प्रवेश कर रहे वाहन

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ऋषिकेश । उत्तराखंड में ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला पर सरकार ने आवाजाही पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही स्थानीय लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। देर रात को धरना देने के बाद स्थानीय लोगों ने सुबह फिर बवाल शुरू कर दिया। एसडीएम यमकेश्वर श्याम सिंह राणा और थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला राकेन्द्र सिंह कठैत भी मौके पर पहुंचे।

लक्ष्मण झूला पुल पर रोक का विरोध

वहीं सुबह हंगामे के बाद लोगों ने शासन के आदेश के बाद भी पुल पर आवाजाही शुरू कर दी। पुलिस ने हालांकि बैरिकेडिंग लगाकर दोनों तरफ से रास्ता बंद किया हुआ था, लेकिन विरोध के बाद लोगों ने दोपहिया वाहन वहां से ले जाना शुरू कर दिया।

लक्ष्मण झूला पुल पर रोक का विरोध
स्थानीय लोगों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पुल अभी सही हालत में है इसका सर्वे करने वाली टीम ने सही मायनों में निरीक्षण नहीं किया है। इसका सर्वे करने के लिए वैज्ञानिकों की टीम को बुलाना चाहिए था। हालांकि शासन पहले ही बता चुका है कि पुलिस की मियाद 90 साल थी जो पूरी हो गई है।

लक्ष्मण झूला पुल पर रोक का विरोध
उन्होंने एसडीएम श्याम सिंह राणा से कांवड़ यात्रा के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर गंगा नदी में कैप्सूल पुल बनाए जाने की मांग की। मंत्री सुबोध उनियाल और विधायक ऋतु खंडूरी भी मौके पर पहुंचेगे। उन्होंने इस बाबत सीएम त्रिवेंद्र से भी वार्ता की।

लक्ष्मण झूला पुल पर रोक का विरोध
लोगों ने सुबह शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मौके पर भारी पुलिसबल तैनात रहा। व्यापारियों की ओर से मंडल अध्यक्ष स्वर्गाश्रम भरत लाल ने कहा कि शासन प्रशासन ने झूला पुल बंद का निर्णय लेने से पहले व्यापारियों को भरोसे में नहीं लिया, जो गलत है।

लक्ष्मण झूला पुल पर रोक का विरोध

लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में 66 ऐसे पुल चिह्नित किए हैं, जो जर्जर हो गए हैं। प्रमुख अभियंता (लोनिवि) हरिओम शर्मा ने बताया कि इन पुलों के स्थान पर नए पुल बनाए जाने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश के सभी मोटर और पैदल पुलों की तकनीकी जांच करा रहे हैं। जहां पुल सुरक्षित नहीं होंगे, वहां सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था की जाएगी।

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