डोर टू डोर डिलीवरी जाॅब के लिए लाइन में लगे 70 प्रतिशत नंबर लाने वाले युवा

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देहरादून। खूब मन लगाकर पढ़ाई की और अच्छे नंबरों से परीक्षा भी पास की। लेकिन, शायद अच्छे भविष्य और नौकरी के लिए इतना ही काफी नहीं है। देहरादून में सेवायोजन विभाग की ओर से आयोजित रोजगार मेले में यही तस्वीर सामने आई।

बेरोजगारी का आलम यह है कि 70 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास करने वाले युवा डोर टू डोर डिलीवरी की नौकरी के लिए लाइन में लगे हुए थे। कुछ की उम्मीद पूरी हुई तो कुछ को यह नौकरी भी नसीब नहीं हुई। वैसे तो रोजगार मेले में सेल्स, इंश्योरेंस, आईटी क्षेत्र की कंपनियां भी थीं, लेकिन 20 से अधिक युवक-युवतियां जोमेटो होम डिलीवरी सर्विस कंपनी में होम डिलीवरी ब्वॉय या गर्ल की नौकरी पाने के लिए पहुंचे थे।

हैरान करने वाली बात यह है इनमें से आठ की शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट थी। जबकि, दो युवतियों के 70 फीसदी अंक थे और चार के 60 फीसदी से ज्यादा। इतने अच्छे अंकों के बावजूद डिलीवरी की नौकरी क्यों?

इस सवाल के जवाब में इन युवाओं का कहना था कि वे बहुत समय से कोशिश कर रहे हैं लेकिन नौकरी नहीं मिल पा रही। उन्होंने आर्ट साइड से पढ़ाई की है और इस स्ट्रीम में बेहतर नौकरी का विकल्प नहीं मिल रहा। उन्होंने सोचा कि कुछ बेहतर होने तक यही नौकरी कर ली जाए।

केस एकर
मोनिका के 10वीं में 70 फीसदी, 12वीं और बीए में करीब 65 फीसदी अंक हैं।

केस दो
गीतिका अरोड़ा के 10वीं में 71 व 12वीं में 72 फीसद अंक हैं। उन्होंने एमए भी किया है।

केस तीन
संजीव कुमार के 12वीं में 67 फीसदी अंक हैं। उन्होंने बीए भी किया है।

89 अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र
सेवायोजन विभाग की ओर से आयोजित रोजगार मेले में विभिन्न क्षेत्रों की दस कंपनियों ने हिस्सा लिया। मेले में सुबह दस बजे से ही अभ्यर्थी जुटने शुरू हो गए थे। करीब आठ सौ से ज्यादा पदों पर लिए साक्षात्कार में 105 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।

इनमें से 89 को मौके पर ही नियुक्ति पत्र दिया गया। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह ने कहा कि मेले में 281 अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया था। मेले में खादी ग्रामोद्योग ने स्टॉल भी लगाई गई थी। इस अवसर पर जिला सेवायोजन अधिकारी प्रवीन गोस्वामी, विनीता बडोनी, सहायक सेवायोजन अधिकारी उमेश चंद्र डोभाल, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की डीवीआइओ डॉ. अल्का पांडेय आदि उपस्थित रहे।

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