अभिमन्यु एकेडमी के मालिक के घर लूटः छह डकैत आज बैठेंगे आमने-सामने

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-अब तक लुटेरे अलग-अलग जगह से पकड़े जाने के कारण एक-दूसरे पर आरोप लगाकर पुलिस को कर रही है गुमराह
-जुर्म के उस्तादों के एक साल के मूवमेंट से खुलेंगे कई बड़े राज
-पुलिस को बदमाशों के कई अन्य राज्यों में भी घटनाएं करने की आशंका
-सक्रियता के हिसाब से दूसरे राज्यों की पुलिस से मांगेंगे घटनाओं का ब्यौरा
-पुलिस की जानकारी से ज्यादा एक शब्द नहीं बता रहे हैं शातिर लुटेरे

देहरादून। ईश्वरन की कोठी में हुई डकैती के मामले में पकड़े गए छह बदमाशों का आज पुलिस के सामने पहली बार आमना-सामना होगा। अब तक लुटेरे अलग-अलग जगह से पकड़े जाने के कारण एक-दूसरे पर डकैती का आरोप लगाकर पुलिस के सवालों को टाल रहे हैं। पुलिस सुबह दस बजे इन आरोपियों को पांच दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। इस दौरान पुलिस का फोकस डकैती में प्रयुक्त असलाह, डीवीआर और डकैती की संपत्ति बरामदगी पर रहेगा।
डकैती के मामले में पुलिस अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर 20 लाख से अधिक की नकदी और लाखों के जेवर बरामद कर चुकी है। इन सभी की गिरफ्तारी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में होने के कारण पुलिस को इनसे पूछताछ का ज्यादा समय नहीं मिल पाया था। पुलिस के सामने 24 घंटे की अवधि में उन्हें कोर्ट में पेश करना जरूरी था। पुलिस के पास घटना से जुड़े सवालों की लंबी फेहरिस्त है, जिनके जवाब आने अभी तक बाकी हैं। अब तक पकड़े गए लुटेरे एक-दूसरे पर पर आरोप लगाकर अपना बचाव कर रहे हैं। सातवां आरोपी सराफ अरशद को पुलिस ने बृहस्पतिवार रात को ही गिरफ्तार किया है।

एसीजेएम तृतीय विभा यादव की कोर्ट ने बृहस्पतिवार को छह आरोपियों का पांच दिन का पुलिस रिमांड स्वीकृत कर लिया था। शुक्रवार को आरोपियों को तलब कर शनिवार सुबह दस बजे से नौ अक्तूबर तक रिमांड का समय निर्धारित किया गया है। पुलिस सुबह सुद्दोवाला जेल से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एसपी सिटी श्वेता चैबे ने बताया कि आरोपियों से पहली बार एक साथ पूछताछ होगी। इससे पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठने की उम्मीद है। कई ऐसे सवाल हैं, जिन पर बदमाशों ने झूठ बोलकर पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश की है।

पुलिस एक साल के मूवमेंट का पता करेगी
ईश्वरन की कोठी में डकैती डालने के आरोप में गिरफ्त में आए जुर्म के उस्तादों का पुलिस एक साल के मूवमेंट का पता करेगी। उससे कई बड़े राज खुलने की उम्मीद है। लुटेरे सिर्फ उतना ही बता रहे हैं, जितनी जानकारी पुलिस के पास है। उससे ज्यादा एक भी शब्द बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस को संदेह है कि लुटेरे देहरादून ही नहीं, अन्य राज्यों के कई ‘धन्नासेठों’ को भी अपना शिकार बना चुके हैं। पुलिस मूवमेंट के हिसाब से संबंधित राज्यों की पुलिस से संपर्क कर डकैती की अनसुलझी घटनाओं का ब्यौरा लेगी।

बीएसएफ से बर्खास्त वीरेन्द्र ठाकुर और अदनान तो लंबे समय से अपराध की दल-दल में धंसे है। अदनान के खिलाफ तो दिल्ली के कई थानों में गोदाम फाड़ने और चोरी के सात के करीब मुकदमे दर्ज है, जबकि वीरेन्द्र ठाकुर के खिलाफ कोई अभियोग पुलिस को नहीं मिल पाया है। पुलिस पूछताछ में वीरेन्द्र उर्फ डीआईजी ने खुलासा किया था कि चोरी की घटनाएं करना उसकी आदत में शुमार हो गया है। अब इसके बिना नहीं रह सकता है। पूछताछ में आरोपियों ने सिर्फ उतना ही बताया है, जितना पुलिस ने अपनी जानकारी के हिसाब से पूछताछ की है। पुलिस मान रही है कि लुटेरों का गैंग जिस तरह काला धन रखने वालों को अपनी हिटलिस्ट तैयार कर रखी है, उसमें निसंदेह दूसरे राज्यों के धन्नासेठों के नाम होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी लिहाज से पुलिस ने एक साल में लुटेरों के मूवमेंट का पता लगाने का फैसला लिया है। मूवमेंट के हिसाब से यह साफ हो जाएगा कि गैंग कब और कहां सक्रिय रहा है। उसी हिसाब से संबंधित राज्यों की पुलिस से बातकर यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि क्या उस दौरान कोई वारदात हुई थी। यदि हुई थी तो क्या उसका अनावरण हो गया। यदि नहीं तो पकड़े गए लुटेरों की संलिप्तता की जांच पड़ताल की जा सकती है।

ईश्वरन लूटपाट में शामिल बदमाशों के एक साल के मूवमेंट के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि इस अवधि में वो किन-किन शहरों में सक्रिय है। सक्रियता के हिसाब से उनके जुर्म की फेहरिश्त का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए अलग से टीम गठित की जा रही है।
-अरुण मोहन जोशी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

आरटीओ कर्मचारी के घर डकैती मेें मुकदमा नहीं

बसंत विहार क्षेत्र में आरटीओ कर्मचारी के घर पर हुई डकैती के मामले में अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया है। पीड़ित कर्मचारी ने अभी तक कोई तहरीर नहीं दी है। पुलिस का कहना है कि विवेचना चल रही है। यदि पीड़ित तहरीर नहीं देता है तो पुलिस वादी बनकर खुद कार्रवाई करेगी।

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