देवभूमि मंे क्रिकेट के भविष्य को सुधारने के लिए सरकार के साथ ही कांग्रेस भी सक्रिय

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देहरादून। संवाददाता। राज्य के युवओं को क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए अब शायद ही दूसरों राज्यों का रूख करना पड़े। इस ओर अब सरकार के साथ ही कांग्रेस भी राज्यहित में एक होती दिख रही है। कांग्रेस ने सरकार का साथ देते हुए क्रिकेट के भविष्य को सुधारने के लिए कदम उठाती नजर आ रही है।

उत्तराखंड में क्रिकेट संघों की लड़ाई खत्म करने के लिए सरकार अब खुद आगे आई है। उनकी पहल पर दो एसोसिएशन एक बैनर तले आ गई। दोनों ने राज्य व खिलाड़ियों के हित में विलय का एलान कर दिया। हालांकि, अभी दो अन्य एसोसिएशन को साधा जाना बाकी है।

मुख्यमंत्री ने इसकी पहल करते हुए 15 अक्टूबर को राज्य से मान्यता प्राप्त चारों एसोसिएशन की बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य हित को देखते हुए सभी को एक साथ लाने के लिए मंथन किया जाएगा।

बीसीसीआइ से उत्तराखंड को मान्यता के लिए चल रही लंबी जद्दोजहद और वर्तमान सरकार के प्रयासों के बीच सूबे के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी खबर आई। राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) और यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के विलय की घोषणा की गई।

इसके अलावा उत्तराखंड यूथ टी-20 क्रिकेट एसोसिएशन ने भी पत्रकार वार्ता के दौरान सीएयू को समर्थन दे दिया। सीएयू के अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि दीपावली के दौरान बीसीसीआइ की वार्षिक बैठक होनी है, जिसमें उत्तराखंड को मान्यता दिए जाने का मुद्दा भी शामिल है।

अब दोनों एसोसिएशन एक होकर अपना दावा मजबूत करेंगी। यूसीए के सचिव संजय गुसाईं ने कहा कि एसोसिएशनों के बीच मतभेद ही हर बार बीसीसीआइ से मान्यता के आड़े आता रहा है

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